पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले के बिंद्रानवागढ़ सीट पर इस बार नोटा ने हार-जीत का गणित बिगाड़ा है. यहां कुल 3710 वोटों के साथ नोटा तीसरे पायदान पर रहा. इस सीट पर हर बार की तरह प्रमुख राजनीतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रही. 15 सालों से जीत के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस पार्टी को 2023 के विधानसभा चुनाव में आखिरकार यहां से जीत हाथ आई है. दरअसल बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है, कांग्रेस के जनक ध्रुव ने भाजपा के गोवर्धन सिंह मांझी को इस चुनाव में 816 वोटों से पटखनी दी है, जिसमें खास बात यह रही कि हार–जीत का अंतर नोटा को मिले वोट से एक चौथाई रहा.

जनक की जीवटता बना गेम चेंजर

2013 का चुनाव गोवर्धन मांझी से हारने के बावजूद जनक ध्रुव मैदान नहीं छोड़ा. लगातार जनता से संपर्क बनाए रहे. राजधानी के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के उपचार में अटेंडर का रोल निभाया. सरकार कांग्रेस की बनी तो भाजपा विधायिकी वाली इस सीट पर क्षेत्र की समस्या सुलझाने में सेतु का काम किया. निर्माण कार्य की मंजूरी के अलावा जगह-जगह धान खरीदी केंद्र खुलवाया. प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत से सीधा संबंध और आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष का सीधा फायदा भी उन्हें मिला. जनक की जीवटता ही उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ.

दो रिकार्ड हारे प्रत्याशी के नाम
हार के बावजूद बिंद्रानवागढ़ की राजनीतिक इतिहास में भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी ने सर्वाधिक मत पाने का रिकार्ड बनाया है. इस सीट पर सर्वाधिक मत से जितने का रिकार्ड भी मांझी के नाम है. इस चुनाव में गोवर्धन मांझी भले ही 816 मतों से हार गए हों, लेकिन अब तक के भाजपा प्रत्याशियों में सर्वाधिक मत पाने का रिकार्ड मांझी ने बनाया है. हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को जनक ध्रुव को 92639 मत प्राप्त हुए, जबकि भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी को 91823 मत मिले. मांझी को मिला यह मत अब तक इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी को मिले सर्वाधिक मत का नया रिकार्ड है. मांझी ने 2013 में जनक ध्रुव को 30536 मतों से जीत दर्ज कर सर्वाधिक मत से जितने का रिकार्ड बनाया था.

राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त पद देने की हो रही मांग

2008 में डमरूधर पुजारी फिर 2013 में गोवर्धन मांझी सत्ता पक्ष के विधायक थे. पुजारी की तुलना में मांझी ने क्षेत्र में विकास कार्य ज्यादा कराए. इस दो अवसर को छोड़कर शेष कार्यकाल विपक्षी पार्टी के विधायक के भरोसे ही क्षेत्र का विकास अधर में लटका रहा. ऐसे में इस बार गोवर्धन मांझी को राज्य मंत्री दर्जा देने की मांग भाजपाई कर रहे हैं. ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष देशबंधु नायक,जिला महामंत्री पुनित सिन्हा, शोभाचंद पात्र, चंद्रशेखर सोनवानी, अनिल अग्रवाल, सुधीर भाई पटेल, जोरावर सिंह राजपुरोहित, लंबोधर साहू ने कहा कि क्षेत्र की जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने हमारे प्रतिनिधि जिन्हें 91 हजार मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है, उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. भाजपाइयों ने कहा कि, संगठन और सरकार से पूरी उम्मीद है कि, वे समर्थक और संगठन की भावना को ध्यान में रखकर गोवर्धन मांझी को सरकार में स्थान देगी.

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