रायपुर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू समेत कई नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की. इन लोगों ने राज्य में केवल एक चरण में चुनाव कराने की मांग की. पार्टी की दलील कि जब मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्य और नक्सल प्रभावित तेलंगाना में एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं तो छत्तीसगढ़ में क्यों दो चरणों में मतदान कराया जा रहा है.
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव में पहले चरण में मतदान कराने पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि राजनांदगांव नक्सल प्रभावित नहीं है लेकिन वहां पहले चरण में मतदान कराया जा रहा है जबकि बिंद्रा-नवागढ़, सिहावा, बलरामपुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. जहां दूसरे चरण में मतदान हो रहा है. जबकि चुनाव आयोग की दलील है कि नक्सल प्रभावित इलाके में पहले चरण में मतदान कराया जा रहा है. गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण में कांग्रेस को बढ़त मिल गई थी लेकिन दूसरे चरण में बीजेपी ने जमकर मेहनत करके माहौल को अपने पक्ष में कर लिया.
कांग्रेस ने स्काई योजना के तहत जो मोबाइल नहीं बंटे हैं. उन्हें चुनाव आयोग को अपने कब्जे में रखने की मांग की है. कांग्रेस ने चुनाव के दौरान शराब की बिक्री बंद करने की मांग की है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार खुद शराब बेच रही है लिहाज़ा वो चुनाव को प्रभावित कर सकती है.
कांग्रेस ने ये भी मांग की है कि सुकमा, बिलासपुर और दुर्ग के कलेक्टरों को हटाया जाए. कांग्रेस का कहना है कि इनके रहते निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकती है. कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा है कि अग्रवाल ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर कोर्ट के आदेश के विपरीत एक आदेश दिया था. अग्रवाल पर कांग्रेस ने स्वागत विहार घोटाले में शामिल होने का भी आरोप लगाया है.