बिलासपुर. लाठी चार्ज की घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया की सहमति से प्रदेश की नवगठित कार्यकारिणी की पहली बैठक बिलासपुर गुजराती समाज भवन में रखी गई. स्वागत भाषण देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने उन हालातों का जिक्र किया जिसके चलते रायपुर की बैठक बिलासपुर शिफ्ट करनी पड़ी.
बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव और आगे की चुनावी कार्य को लेकर रणनीतिक निर्णय लिये गए. बिलासपुर लाठी चार्ज की घटना के आरोपी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चन्द्राकर सहित सभी पुलिस अधिकारी और मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर की मांग जारी रखने का निर्णय लिया गया. बैटक में तय हुआ कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो जाती तब तक प्रदेश में अमर अग्रवाल की सभा नहीं होने दी जायेगी. बैठक में 22 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जांजगीर आगमन पर उनका विरोध करने का फैसला लिया गया. तय हुआ कि हजारों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता जांजगीर पहुंचेंगे.
कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं चुनाव अभियान समिति के प्रमुख डॉ.चरणदास महंत निंदा प्रस्ताव पेश किया. निंदा प्रस्ताव को पूरे कार्यकारिणी ने ध्वनि मत से पास किया गया.
छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल.पुनिया ने कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए आज की बैठक को ऐतिहासिक बताया और उन्होंने बताया कि बिलासपुर की घटना पर राहुल और प्रियंका दोनों की नज़र है.
इससे पहले पुनिया, भूपेश और महंत ने कार्यकारिणी की बैठक से पहले अपोलो हास्पिटल बिलासपुर पहुंचकर प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव से मुलाकात की और लाठी चार्ज की पूरी जानकारी ली और स्वास्थ्य का हालचाल जाना. वहीं सिम्स पहुंचकर राष्ट्रीय प्रतिनिधि विष्णु यादव, शहर पदाधिकारी अकबर अली से भी मुलाकात की और उपस्थित डॉक्टरों से उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली.
18 सितम्बर की लाठी चार्ज की घटना के बाद से चल रहे कांग्रेस के धरना में पुनिया, भूपेश, महंत समेत कई नेता पहुंचे.