Congress on Operation Sindoor Delegation: पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकवाद का चेहरा विश्व में उजागर करने और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से अवगत कराने केंद्र सरकार ने 7 सांसदों की लीड में डेलिगेशन चुना है। ये लोग श्विक मंचों पर पाकिस्तान पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठे प्रचार की पोल खोलेंगे। हालांकि कांग्रेस ने डेलिगेशन में अनदेखी का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम सुझाए थे, उनमें से सिर्फ एक को चुना गया है। हद तो तब हो गई, जब कांग्रेस ने अपने भेजे चार नामों में शशि थरूर का नाम शामिल नहीं किया है। बावजूद इसके मोदी सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में शामिल किया है।
इस पर कांग्रेस कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान से जुड़े राष्ट्रीय मुद्दे पर विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस नेताओं को जानबूझकर दरकिनार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार किस तरह राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर भी राजनीतिक खेल खेलने से पीछे नहीं हटती।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि जिन चार अन्य कांग्रेस नेताओं- शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह और सलमान खुर्शीद को प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया गया है, उन्हें पार्टी की मंजूरी के बिना मनमाने तरीके से नामित किया गया। कांग्रेस ने बताया कि सरकार की मांग पर पार्टी ने 16 मई को आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नाम भेजे थे। लेकिन अंतिम सूची में केवल आनंद शर्मा को ही शामिल किया गया, जबकि अन्य तीन को नजरअंदाज कर दिया गया।
जयराम रमेश ने कहा, “यह दिखाता है कि मोदी सरकार कितनी असंवेदनशील है और कैसे वह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर भी सस्ती राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन नेताओं की विदेश दौरे में भागीदारी का समर्थन करती है, लेकिन यह भी साफ करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा जिस तरह से संसदीय परंपराओं को नजरअंदाज कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
जयराम रमेश ने दोहराई मांग
जयराम रमेश ने यह भी दोहराया कि प्रतिनिधिमंडलों की पहल से कांग्रेस की दो प्रमुख मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए ताकि पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर पर सभी दल एकमत होकर अपनी भूमिका निभा सकें। 22 फरवरी 1994 को संसद में पारित प्रस्ताव को दोहराने के लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाए। इस प्रस्ताव में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत का अविभाज्य हिस्सा बताया गया था और उसे भारत में पुनः मिलाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई थी। जयराम रमेश ने कहा कि आज जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है, तो यह प्रस्ताव और अधिक प्रासंगिक हो गया है।
51 नेता जाएंगे विदेश
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों की यात्रा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद, ब्यूरोक्रेट्स और पूर्व मंत्री शामिल हैं। इस कूटनीतिक अभियान में कुल 51 नेताओं को सात दलों में बांटा गया है, जिसमें 31 सत्तारूढ़ एनडीए और 20 गैर-एनडीए से हैं. यह दल अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, खाड़ी और लैटिन अमेरिकी देशों का दौरा करेंगे। बैजयंत पांडा, रवि शंकर प्रसाद (दोनों बीजेपी), संजय कुमार झा (जेडीयू), श्रीकांत शिंदे (शिव सेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) के नेतृत्व में सात प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में ईयू मुख्यालय का दौरा करेंगे।
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