लक्षिका साहू, रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में पूर्व मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी और सुकमा के कांग्रेस भवन अटैच होने के बाद अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के परिसंपत्ति प्रभारी छत्तीसगढ़ दौरे आने वाले हैं. प्रभारी नितिन कुम्बलकार का ये दौरा कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खड़गे के दौरे के बाद 11 जुलाई से 15 जुलाई तक प्रस्तावित है, जिसमें वे प्रदेश के लगभग सभी जिलों का दौरा कर कांग्रेस की संपत्ति का ब्योरा लेने वाले हैं. प्रभारी कुम्बलकार 11 जुलाई से कवर्धा ज़िला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के साथ संपत्ति को लेकर अहम बैठक से शुरुआत करेंगे. 15 जुलाई को रायपुर जिला कांग्रेस कमिटी के साथ उनकी अंतिम बैठक होगी.
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शराब घोटाले मामले में ED द्वारा सुकमा कांग्रेस भवन अटैच करने के बाद प्रदेश कांग्रेस में खलबली मच गई थी. जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत और पसीने की कमाई से भवन निर्माण करने का लगातार बड़े नेता बयान देते हुए नज़र आए और अब कांग्रेस की संपत्ति जांचने दिल्ली से नेता छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं.
क्या है शराब घोटाला?
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में किए गए कथित 2161 करोड़ के शराब घोटाले में ED ने 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं.
6000 पन्नों का चार्जशीट किया था पेश
ED ने कोर्ट में पेश किए 6000 पन्नों के अपने चार्जशीट में बताया था कि किस तरह अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया. साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया.
पूर्व मंत्री कवासी लखमा जेल में
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के आवासों पर छापेमारी की थी. इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. ED ने इस मामले में उनके खिलाफ चालान दाखिल किया है, जिसमें उन्हें 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में सिंडिकेट का प्रमुख बताया गया है.
इसके साथ ही 30 जून को ईओडब्ल्यू ने रायपुर विशेष कोर्ट में कवासी लखमा के खिलाफ लगभग 1200 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया है. इस चार्जशीट में ईओडब्ल्यू ने बताया कि कवासी लखमा को आबकारी घोटाले में उनके हिस्से का 64 करोड़ रुपये मिला है, जिसमें 18 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेजी साक्ष्य भी मिले हैं.
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