भोपाल. भले ही देश की ज्यादातर पार्टियां ऐसा मानती हों कि किसी भी दल को सत्ता में वोटर ही ला सकते हैं लेकिन कांग्रेस को शायद इसपर यकीन नहीं है. तभी पार्टी ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के सामने ऐसी अजीबो-गरीब शर्तें रखी हैं. जिससे पार्टी की लुटिया डूबने के आसार काफी नजर आ रहे हैं.

दरअसल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव कांग्रेस औऱ भाजपा दोनों के लिए नाक का सवाल बने हैं. जहां भाजपा हर हालत में इन राज्यों में अपनी सरकार बनाए रखना चाहती है. वहीं लंबे अरसे से सत्ता से दूर कांग्रेस किसी भी हालत में सत्ता का स्वाद इन राज्यों में चखना चाहती है. वहीं, कांग्रेस के कर्ता-धर्ता ऐसी नायाब योजनाएं खोज कर ला रहे हैं जिससे ऐसी चर्चा है कि पार्टी सत्ता में शायद ही इन राज्यों में वापस आ पाए.

दरअसल, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में विधानसभा का टिकट चाहने वालों से ऐसी अजीबोगरीब शर्तें रखी हैं जिससे जमीन पर रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए टिकट पाना काफी मुश्किल काम हो गया है. पार्टी ने टिकट के इच्छुक आवेदकों से फेसबुक औऱ ट्विटर पर सक्रिय रहने की अपेक्षा की है साथ ही टिकट के लिए आवेदन करने वालों से फेसबुक पेज पर 15,000 लाइक्स औऱ ट्विटर अकाउंट पर 5000 फालोअर की संख्या होना अनिवार्य शर्त रखी है. इतना ही नहीं उसने बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं का व्हाट्सअप ग्रुप बनाया हो औऱ एमपी कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट की हर पोस्ट को लाइक औऱ री-ट्वीट करना होगा.

टिकट के दावेदारों को 15 सितंबर तक ट्विटर, फेसबुक औऱ व्हाट्सअप की जानकारी कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल को उपलब्ध कराने को कहा गया है. पार्टी के इस फैसले के बाद कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब अगर टिकट पाना है तो जमीन पर कार्य करने के बजाय सोशल मीडिया पर कार्य करना ज्यादा जरूरी है क्योंकि टिकट तभी मिल पाएगा.

कांग्रेस लंबे अरसे से इन राज्यों में सत्ता से बाहर है औऱ ऐसा लग रहा है कि पार्टी के कर्ता-धर्ता अगर सोशल मीडिया पर ही चुनाव की जंग जीतना चाहते हैं तो जमीन पर चुनावी जंग जीतना उनके लिए काफी मुश्किल होगा.