दिल्ली। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के बीच छत्तीस का आंकड़ा है लेकिन दोनों नेताओं के बीच तकरार तेज हो गई है। दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के सामने उस समय अप्रिय स्थिति पैदा हो गई जब राज्य के कद्दावर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिक्षकों के समर्थन में अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का एलान किया था। इसके बाद आनन फानन में कांग्रेस के बड़े नेताओं को डैमेज कंट्रोल के लिए लगाया गया। जिसके बाद बमुश्किल हालात संभाले जा सके।
सिंधिया के तल्ख तेवरों के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अक्रामक तरीके से सिंधिया और उनके खेमे पर निशाना साधा। इस खींचतान से परेशान होकर कांग्रेस आलाकमान ने आज इन नेताओं के बीच समझौता कराने के मकसद से मध्य प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक बुलाई। जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद सिंधिया के तेवर फिलहाल नरम पड़े और उन्होने सकारात्मक तौर पर पार्टी हित में काम करने की बात कही लेकिन ये शांति कितने दिन कायम रहेगी, ये कोई नहीं जानता।