राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। बीजेपी भले ही युवाओं को अधिक तरजीह देने का दावा करती हो और बीजेपी में 2018 से ही ये फाॅर्मूला लगातार लागू भी हो, लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस युवाओं को बीजेपी से अधिक विधानसभा भेजने में सफल रही है. आलम ये है कि सत्ता पक्ष से नंबर संख्या कम होने के बाद भी प्रदेश में कांग्रेस के युवा विधायकों की संख्या बीजेपी के मुकाबले दोगुना अधिक है. वहीं सदन में अधिक उम्र की बात की जाए तो कांग्रेस की तुलना में बीजेपी तीन गुना अधिक बूढ़ी है.

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मध्य प्रदेश में वर्तमान में कांग्रेस के 95 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के इनसे तीस अधिक यानी 125 विधायक हैं. अब सदन के युवा विधायकों की दोनों प्रमुख पार्टी के हिसाब से तुलना की जाए तो, कम विधायकों वाली पार्टी यानी कांग्रेस में बीजेपी से दोगुना अधिक विधायक हैं. 30 से 40 साल की उम्र कैटेगरी में बीजेपी के सिर्फ पांच विधायक हैं. जबकि कांग्रेस के 14 विधायक हैं. अब 40 से 50 साल उम्र कैटेगरी में तुलना की जाए तो, यहां भी यही हाल है. बीजेपी के सिर्फ 19 विधायक हैं. जबकि इस एज क्राइटेरिया में कांग्रेस के 34 विधायक हैं.

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ये तो हुई 50 साल तक के विधायकों की तुलना, लेकिन अब जैसे-जैसे अधिक उम्र की बात करें तो अधिक उम्र में बीजेपी ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है. 50 से 60 साल उम्र के बीजेपी के 47 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 28 विधायक हैं. 60 से 70 उम्र के बीजेपी के 44 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के सिर्फ 15 विधायक हैं. 70 से 75 साल के बीजेपी के 8 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के चार विधायक हैं. और 75 साल से अधिक उम्र के सदन में सिर्फ दो विधायक हैं. और ये दोनों विधायक बीजेपी के हैं. 75 साल पार का कांग्रेस में एक भी विधायक नहीं है.

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सदन में कांग्रेस के युवा अधिक होने पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि बीजेपी युवाओं को साथ लेकर चलती है. हमारी टीम में बुजुर्ग भी हैं. उन्होंने कहा किल बीजेपी बुजुर्गों का मार्गदर्शन लेकर चलती है. वहीं कांग्रेस विधायक हीरालाल यादव ने कहा कि बीजेपी युवा नेतृत्व खत्म करना चाहती है. बीजेपी में युवाओं को मौका नहीं मिलता है. बीजेपी युवाओं से सिर्फ दरी, कुर्सी, और झंडा उठवाती है. उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव को भी बीजेपी ने इसलिए कमजोर किया. राहुल गांधी हमेशा युवाओं को आगे बढ़ाते हैं. 2023 विधानसभा में कांग्रेस युवाओं को और अधिक मौका देगी.

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