एक कांग्रेसी नेता ठगी का मास्टर माइंड बनकर सामने अाया है. वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को 1502 रुपए जमा करने पर 5 साल में 1-2 गुना नहीं कई गुना ज्यादा रिर्टन मिलने का वादा करता था. इस राशि के बादले वे 58 हजार रुपए दिलाने का झांसा देता था, लेकिन अब ये नेता मुसीबत में है. लेकिन कांग्रेस का जिला अध्यक्ष होने के नाते इस पर पुलिस महरबान है. 

जितेंद्र सिन्हा, राजिम. जिला पुलिस की कार्रवाई पर सवालियां निशान खड़ा हो रहा है. पिछले कई सालों पहले हुए ठगी मामले में एफआईआर की गई, लेकिन अब तक ना तो दोषियों को गिरफ्तार किया और ना ही इस मामले में कोई कार्रवाई की गई है. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश बना हुआ है.

बैसाखूराम साहू

ये है पूरा मामला

दरअसल यह मामला 2007-08 का है. गरियाबंद जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैसाखूराम साहू समेत 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में फिंगेश्वर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. आरोप लगा है कि साहू ने 9 हजार 207 लोगों से पैसे दुगना करने का लालच देकर करीब  1 करोड़ 38 लाख रुपए की ठगी की है. जिसकी शिकायत ठगी का शिकार हुए लोगों द्वारा थाने में की जा चुकी है.

2008 में खोला एक स्वसहायता समूह

शिकायतकर्ता रामलाल साहू ने बताया कि बैसाखूराम साहू ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर 2008 में सर्वोदय ग्रामीण स्वसहायता समूह बनाया था. जिसमें 1502 रुपए जमा करने पर पांच साल बाद 58000 रुपये देने का दावा किया गया था. लेकिन अब समय पूरा होने के बाद भी पैसे नहीं दिया जा रहा है. शिकायतकर्ता ने ये भी बताया कि इसी तरह इनके द्वारा 9 हजार 207 लोगों से करीब 1 करोड़ 38 लाख 28 हजार रुपए जमा कराए गए थे.

शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई

शिकायतकर्ता ने इस मामले की शिकायत जिले के कलेक्टर और एसपी से की थी. जिसके बाद एफआईआर तो दर्ज कर ली गई, लेकिन मामले की जांच सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. जिस वजह से अब तक मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. जिससे लोगों का पैसा फंसा हुआ है. लोग पैसे के इंतजार में बैठे हुए है. वहीं  बैसाखूराम साहू ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए अपने विरोधियों की साजिश करार दिया है.

कछुआ गति से चल रहा जांच 

मामले में फिंगेश्वर पुलिस ने 3 अगस्त को अध्यक्ष बैसाखूराम साहू सहित सर्वोदय ग्रामीण स्वसहायता समूह के 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है. मगर पुलिस अभी भी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.