जगदलपुर- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के ग्राम धुरागांव में आयोजित आदिवासी कृृषक भू-अधिकार सम्मेलन में शामिल हुए. इस अवसर पर राहुल गांधी ने कोण्डागांव जिले में 105 करोड़ लागत से निर्मित होने वाले माँ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण ईकाई की आधारशिला रखी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंतए सांसद पीएल पुनिया सहित मंत्रिमंडल के सदस्य सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आदिवासी एवं किसान शामिल हुए. इस दौरान विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी ने राज्य शासन द्वारा किसान कर्ज माफी, धान के समर्थन मूल्य, अधिगृहित भूमि को वापस किसानों को देने के लिए उठाये गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि शासन किसानों के हित में कभी भी आंच नहीं आने देगी.
इस अवसर पर क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि देश में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र मक्का के प्रमुख उत्पादक राज्य के नाम से प्रसिद्ध है. बस्तर के कृषकों की बदौलत अब छत्तीसगढ़ राज्य भी मक्का उत्पादक राज्य के नाम से जाना जायेगा. कोण्डागांव विकासखण्ड में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट के प्रारंभ होने से न केवल कृषकों को उनकी फसल का उचित दाम मिलेगा बल्कि बेरोजगारों को रोजगार के अवसर तथा क्षेत्र में व्याप्त कुपोषण में भी कमी आयेगी. क्योंकि मक्का का उपयोग प्रोटीन के रुप में रेडी.टू.ईट उत्पाद निर्माण में किया जाता है.
उल्लेखनीय है कि कोण्डागांव जिला बस्तर संभाग का एक ऐसा जिला जो पूरी तरह से कृषि प्रधान जिला हैए जो संभाग के अन्य जिलों के समान खनिज अथवा अन्य संसाधनों से समृद्ध नहीं है. कृषक पूरी तरह से धान और मक्के की फसल पर ही निर्भर है. इस तरह कहा जा सकता है कि जिले की आधी आबादी के जीविकोपार्जन का साधन मात्र कृषि ही है. ऐसे में जिले का सर्वांगीण विकास केवल कृषि प्रधान उद्योग लगाकर ही किया जा सकता है. राज्य शासन ने जिले की इस महती आवश्यकता को तुरंत प्राथमिकता में लेकर यहां मक्का प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना का जो स्वागत योग्य निर्णय लिया है. इससे जिले के कृषको के लिए विकास के नए द्वार खुले गए है. इस प्लांट के माध्यम से न केवल कृषक लाभान्वित होंगे बल्कि इसके जरिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो जायेंगे.
मक्का उत्पादन जिले की भौगोलिक एवं जनसांख्यिकी क्षमता एवं संभावनाओं पर एक नजर
कोण्डागांव जिला का संपूर्ण पर्यावरणीय मौसम मक्का उत्पादन के लिए पूरी तरह उपयुक्त है. यहां की मृदा, तापमान वर्षा एवं भूमि इसे मक्का के उत्कृष्ट उत्पादन के लिए अनुकूल बनाते हैं. जिले के कुल 88 हजार 500 कृषको में 65 हजार कृषक मक्का उत्पादन से जुड़े है. इनमें वन पट्टाधारी मक्का कृषकों की संख्या 40 हजार है. इस प्रकार यहां मक्का का कुल औसत उत्पादन 217824 मेट्रिक टन प्रतिवर्ष है.
प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना से होने वाले दुरगामी लाभ
इससे कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. इसके अलावा मौजूदा राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजार के नजरिए से भी प्लांट की एक बड़ी भूमिका है. अगर रोजगार की बात कही जाये तो इससे प्रत्यक्ष रुप से 8 सौ से 1000 लोगों को तत्काल रोजगार उपलब्ध होगा. इसके साथ ही अप्रत्यक्ष रुप से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा.
प्लांट के प्रबंधन के लिए व्यवस्थाएं बनेगी, सहकारी समिति कृषक ही होंगे शेयरधारी
जिला प्रशासन के अनुसार मक्का प्रोसेसिंग प्लांट माँ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित के नाम से जाना जायेगा. इसके लिए जिले के समस्त मक्का कृषकों को सदस्य बनाने हेतु सदस्यता शुल्क 100 रुपये व कृषक अंश पूंजी न्यूनतम 1 हजार से अधिकतम 50 हजार तक रखा गया है. जिसमें कृृषक अपनी इच्छा अनुसार कृषक अंश पूंजी की राशि एक हजार के गुणांक में अपने निकटतम ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या पटवारी से संपर्क कर आवेदन तथा सदस्यता शुल्क व कृषक अंश पूंजी जमा करके सदस्य बन सकते हैए इसके लिए कृषकों को आवेदन के साथ अपने भूमि का नक्शाए खसरा बी-1 या ऋण पुस्तिका तथा एक फोटो व आधार कार्ड की छायाप्रति जमा करना आवश्यक किया गया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने नगर कोण्डागांव के समीप ही राष्ट्रीय राजमार्ग-30 से पांच किमी की दूरी पर कोकोड़ी नामक ग्राम में 20 एकड़ की भूमि चिन्हांकित की है. जहां प्लांट के लिए विद्युत एवं जल उपलब्धता जैसी आवश्यक सुविधाऐं निर्बाध रुप से उपलब्ध है. इस प्रकार प्लांट में मक्का से बनने वाले विभिन्न उत्पाद जैसे पापकार्न, बिस्किट, मछली एवं पशु आहार, कुरकुरे व आईसक्रीम जैसी सामग्रियाँ निर्मित करने हेतु अलग-अलग यूनिट होगी.