रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के आरोपों पर सिलसिलेवार और तथ्यात्मक पलटवार करते हुए कहा कि 15 सालों से छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता पर रहने वाले पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी के पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल स्वास्थ्य व्यवस्था ऊपर सवाल उठा रहे हैं, यह बहुत हास्यपद है. रमन राज के 15 सालों में प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था लचर थी, मूलभूत सुविधाओं का अभाव था और जरूरी ढांचों का निर्माण नहीं किया गया था.

विकास तिवारी ने आरोप लगाया कि रमन राज में स्वास्थ्य विभाग में उन्हीं कामों को प्रतिपादित किया जाता था, जिसमें मोटा कमीशन मिले. इसका उदाहरण स्वास्थ विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए का मल्टीविटामिन सिरप घोटाला है, जिसमें बिना कारण के करोड़ों रुपए का मल्टीविटामिन सिरप स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगाया गया और वह बिना किसी उपयोग के कालातीत हो गया था. माताओं के कोख का भी जबरिया निकलवा दिया जाता था, जिससे उसमें भी कमीशन मिल सके. कुंवारी बच्चियों और कम उम्र की माताओं का बलात नसबंदी किया जाता था, उसके पीछे भी उद्देश्य मोटा कमीशन खोरी ही था, और आँखफोड़वा कांड में पूर्ववर्ती रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अंधा करने तक का कुकृत्य किया था. इसके लिए रायपुर दक्षिण विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिये.

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को यह बताना चाहिये कि उनके समय कृषि विभाग और लोक निर्माण विभाग में करोड़ों अरबों रुपए के घोटाले होते थे कमीशन खोरी की जाती थी, गुणवत्ताहीन सड़को का निर्माण किया जाता था, और किसानों को छलने का काम भी पूर्वर्ती रमन सरकार के समय किया जाता था. वर्मी कंपोस्ट बेड, हाइब्रिड मक्का खरीदी में भी करोड़ों रुपए के घोटाले हुए थे. घटिया धान बीज और भाजपा आरएसएस के नेताओं द्वारा संचालित गौशाला में हजारों गाय भूख से तड़प तड़प कर मरती थी, तब पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मौनी बाबा बने बैठे रहते थे. उन्हें प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि उनके विभाग में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के पीछे किसका हाथ था, किसके संरक्षण से प्रदेश के किसानों को लूटने का काम किया जाता था.

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बयान केवल और केवल राजनीति में अपने आप को दिखाने का प्रयास और स्वयं के लिये ध्यानाकर्षण से ज्यादा कुछ भी नहीं है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार कोरोना महामारी के समय प्रदेश की भी व्यवस्था ऊपर सजगता से नजर रखे हुए हैं. पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को कांग्रेस सरकार को बहुमूल्य ज्ञान देने की जगह भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश के लिए 30 हजार करोड़ रुपयों की मांग को पूरा करने आग्रह करना चाहिए, जिससे कोरोना कोविड-19 महामारी के समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है उसे फिर से पटरी में लाया जा सके.