दिल्ली. पंजाब के मुख्यमंत्री  अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू पर चुनाव से ठीक पहले अपनी ‘‘गैरजिम्मेदाराना हरकत’’ से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।

इस आरोप के बाद इन दोनों नेताओं के बीच तनातनी एक बार फिर सामने आई है। सिंह ने कहा कि उनके पंजाब के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री से कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि सिद्धू शायद ‘‘महत्वाकांक्षी’’ है और वह ‘‘मुख्यमंत्री बनना चाहते है।’’

मुख्यमंत्री ने यहां कहा, ‘‘यदि सिद्धू एक असली कांग्रेसी होते तो उन्हें पंजाब में मतदान से ठीक पहले अपनी शिकायतों को कहने के बजाय बेहतर समय चुनना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत से पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह उनका चुनाव नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस का चुनाव है।’’

अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी की निंदा करने संबंधी सिंह का यह बयान उस दिन आया है, जब पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे है। मुख्यमंत्री स्पष्ट रूप से 17 मई को बठिंडा में सिद्धू द्वारा की गई उस ‘‘विद्रोही’’ टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे जिसमें वह राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए दिखाई दिये थे और उन्होंने सवाल किया था कि 2015 में बेअदबी और पुलिस गोलीबारी की घटनाओं के सिलसिले में बादल परिवार के जिम्मेदार सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नही दर्ज की गई।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से सिद्धू के साथ उनके कोई मतभेद नहीं है और वह उन्हें तब से जानते है जब सिद्धू बच्चे थे। सिंह ने कहा, ‘‘शायद वह महत्वाकांक्षी है और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।’’ कुछ दिन पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने सिंह और पंजाब कांग्रेस मामलों की प्रभारी आशा कुमारी पर अमृतसर संसदीय सीट से उन्हें टिकट नहीं दिये जाने का आरोप लगाया था।