रायपुर। विधानसभा में कवासी लखमा ने कहा कि सुकमा के कोंटा के छात्रावासों में रह रहीं 27 छात्राएं फ़ूड पॉइजनिंग से बीमार पड़ गईं. 27 छात्राओं को एर्राबोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत नहीं सुधरी, तो उन्हें सीआरपीएफ की मदद से कोंटा में भर्ती कराया गया है. भर्ती कराने के दौरान छात्रावास अधीक्षिका हॉस्टल में मौजूद नहीं थीं. उन्होंने कहा कि रसोइया ही आश्रम चला रहा है.

वहीं मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छात्रावास मे छात्राओं की पेट दर्द की शिकायत के बाद उन्हें कोंटा में भर्ती कराया गया था. बीमार छात्राओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के बाद सीआरपीएफ के एम्बुलेंस और संजीवनी एक्सप्रेस से कोंटा ले जाया गया. उन्होंने कहा कि छात्रावास में दूसरी पोटाकेबिन के अधीक्षिका को प्रभार दिया गया था. केदार कश्यप ने जानकारी दी कि छात्राओं की सुरक्षा के भी इंतजाम हैं. बिना जांच के यह कहना ठीक नहीं है कि छात्राएं दूषित खाने से बीमार हुईं. उन्होंने कहा कि फ़ूड पॉयजनिंग की शिकायत के बाद जांच कराई जा रही है.

इस पर कवासी लखमा ने पूछा कि बच्चियों का इलाज छत्तीसगढ़ में हुआ या छत्तीसगढ़ के बाहर. केदार कश्यप ने कहा कि बच्चों में साइकोलॉजिकल भय के कारण ऐसी स्थिति हुई. उन्होंने कहा कि कवासी लखमा ने कहा कि बच्चों का इलाज एर्राबोर के बाद कोंटा में हुआ और इसके बाद तेलंगाना ले जाया गया. अधीक्षक को निलंबित किए जाने की मांग की. उस क्षेत्र में बच्चे कभी मलेरिया से बीमार होते हैं कभी पेट दर्द से.

केदार कश्यप ने कहा कि सोनोग्राफी के बाद दो बच्चों को भद्राचलम ले जाया गया, वहां तृप्ति कावरे जो प्रभारी अधीक्षिका थी, उसे निलंबित किया गया है. खाने का सैम्पल लैब टेस्ट के लिए भेजा गया है.