नई दिल्ली। पहले टमाटर और अब प्याज की महंगाई आम लोगों की जिंदगी का स्वाद फीका कर रही है. कुछ दिन पहले जैसे टमाटर की कीमत को लेकर माहौल बना था अब उसी तरह का माहौल प्याज को लेकर भी बनता जा रहा है. बीते कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में इस कदर उछाल आया कि इस महंगाई का असर अब विधानसभा चुनावों पर होता नजर आ रहा है.

कांग्रेस को ये बेहतर मालूम है कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने का इससे बेहतर मुद्दा शायद ही हो, महंगाई के खिलाफ भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपनी कमर कस ली है. खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे को लेकर सियासी मैदान में हैं. वहीं मध्य प्रदेश में एक कांग्रेस नेता ने प्याज की माला पहनकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया.

कांग्रेस नेता ने पहनी प्याज की माला

कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने प्याज के बढ़ते दामों को लेकर रविवार को यहां प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन किया. उन्होंने प्याज के बढ़ते दाम से लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर केंद्र और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों को निशाने पर लिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्याज का दाम बढ़कर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. कुछ दिन पहले टमाटर का भाव 200-250 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हमें बताना चाहिए कि प्याज का मूल्य लोगों के लिए परेशानी क्यों खड़ा कर रहा है.

मोदी सरकार पर बरसे खड़गे

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की और कहा कि पांच राज्यों के लोग आगामी चुनावों में भाजपा को हराकर फिर से प्याज के दाम बढ़ने का राज बताएंगे. खड़गे ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब राष्ट्रीय राजधानी के थोक बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं. उन्होंने ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा सरकार के पिछले साढ़े नौ साल में महंगाई के बोझ तले दबी जनता की रोती-बिलखती आवाज सुनाई देती है.

क्यों हुआ फिर से प्याज महंगा?

उन्होंने कहा, ‘…हर बार महंगाई के मुद्दे पर, मोदी सरकार ने जनता का मखौल उड़ाया और कुछ इस तरह छेड़ा साज – ‘महंगाई दिखती ही नहीं’, ‘मैं प्याज खाती नहीं’, ‘बाकी देशों से तो बेहतर है’. भला क्यों हुआ फिर से प्याज महंगा? अब भाजपा को पराजित कर पांच राज्यों के लोग बताएंगे इसका राज.