शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. बिछिया से कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि जानवर भी नहीं खा सकता, वो अनाज आंगनवाड़ी केंद्रों में दिया जा रहा है. ऐसे भोजन से क्या कुपोषण दूर होगा ? प्रदेश में 57 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र है. 16000 आंगनवाड़ी केंद्र में भवन नहीं है. 200 के करीब ऐसे आंगनवाड़ी केंद्र है, जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने घरों में आंगनवाड़ी संचालित कर रही है.

विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि ऐसी स्थिति में खासकर आदिवासी इलाकों में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे कुपोषण दूर होगा. बच्चों को कुपोषण दूर करने का आहार नहीं मिल पाता है. जब-जब कुपोषण के आंकड़े बढ़ते हैं, तब सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागने के लिए दूसरों के ऊपर थोपने का प्रयास करते हैं. हम इनसे उम्मीद नहीं कर सकते की इनकी सरकार में कुपोषण दूर होगा. सिर्फ प्रचार करके सरकार दिखावा कर रही है. गांव जाकर आंगनवाड़ी केंद्रों को देखें क्या हाल है ? 18 साल हो गए मुख्यमंत्री की बात सुनते-सुनते के जल्द कुपोषण दूर होगा.

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बता दें कि प्रदेश में अति कुपोषण वाले जिलों में सुधार व्रद्धि को लेकर जारी हुई रैंकिंग में ग्वालियर को अव्वल स्थान मिला है. लेकिन इस रैंकिंग ने उन जिलों की भी पोल खोली है, जो पुरानी रैंकिंग में अव्वल थे. NFHS-5 वर्ष 2016-2021 की जारी सीवियर एक्यूट मॉन्यूट्रिशन (SAM) रैंकिंग में अति कुपोषित बच्चों के हालात में सुधार पर ग्वालियर ने लम्बी छलांग लगाई है. प्रदेश में ग्वालियर ने पहला स्थान हासिल किया है. जबकि NFHS-4(2015-16) में 41वे स्थान पर ग्वालियर था. NFHS-4(2015-16) की रिपोर्ट में जिले में जहां 100 प्रतिशत बच्चों में 11.1 प्रतिशत अति कुपोषित आये थे, वह अब NFHS-5(2016-21) की रिपोर्ट में बेहतरीन सुधार देखने को मिला है. यानी 100 प्रतिशत बच्चों में 2.4 प्रतिशत बच्चे ही अति कुपोषित सामने आए है. लिहाजा लगभग 400 प्रतिशत का सुधार लाकर यह स्थान हासिल हुआ है.

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ग्वालियर नंबर 1 पहले 41वी रेंक थी।

मुरैना नंबर 2 पहले 46वी रेंक थी।

विदिशा नंबर 3 पहले 4वी रेंक थी।

मंडला नंबर 4 पहले 40वी रेंक थी।

उमरिया नंबर 5 पहले 27वी रेंक थी।

मंदसौर नंबर 6 पहले 12वी रेंक थी।

रतलाम नंबर 7 पहले 12वी रेंक थी।

गुना नंबर 8 पहले 44वी रेंक थी।

भोपाल नंबर 8 पहले 16वी रेंक थी।

बैतूल नंबर 10 पहले 41वी रेंक थी।

अशोकनगर नंबर 10 पहले 38वी रेंक थी।

छिंदवाड़ा नंबर 10 पहले 36वी रेंक थी।

पुरानी रैंकिंग

सागर नंबर 1 पर था अब 14वी स्थान पर।

देवास नंबर 2 पर था अब 37वी स्थान पर।

खरगोन नंबर 3पर था अब 48वी स्थान पर।

विदिशा नंबर 4 पर था अब 3वी स्थान पर।

खंडवा नंबर 5 पर था अब 36वी स्थान पर।

इंदौर नंबर 6 पर था अब 31वी स्थान पर।

बुरहानपुर नंबर 6 पर था अब 50वी स्थान पर।

उज्जैन नंबर 8 पर था अब 49वी स्थान पर।

छतरपुर नंबर 9 पर था अब 27वी स्थान पर।

रायसेन नंबर 10 पर था अब 15वी स्थान पर।

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