रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक और विवादित अधिकारी डाॅ.अशोक चतुर्वेदी को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक का प्रभार सौंपा गया है. भारत निर्वाचन आयोग ने मौजूदा मिशन संचालक कुमार लाल चौहान की निर्वाचन ड्यूटी लगाई है, लिहाजा उनकी वापसी तक यह जिम्मेदारी चतुर्वेदी संभालेंगे. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अस्थायी प्रभार का आदेश जारी किया है.
इधर पंचायत विभाग में अशोक चतुर्वेदी को महत्वपूर्ण प्रभार सौंपे जाने का आदेश तब सुर्खियों में आ गया, जब सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने उन पर भ्रष्टाचार सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को शिकायती चिट्ठी भेजी. चतुर्वेदी को मिशन संचालक बनाए जाने का आदेश 30 मार्च 2021 को जारी हुआ था और इसके ठीक एक दिन बाद 1 अप्रैल 2021 को अनिता योगेंद्र शर्मा ने कांग्रेस आलाकमान को चिट्ठी भेजी.
आरोप सिद्ध तो नहीं हुआ है…
अशोक चतुर्वेदी को प्रभार देने पर पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि विवादित हैं, आरोप लगे हैं, लेकिन सिद्ध नहीं हुआ है. दर्जनों लोग हैं, जिन पर आरोप लगे हैं, आरोप सिद्ध हुआ है, और भी काम कर रहे हैं. प्रभार दिया गया है जब आरोप सिध्द होगा तब देखेंगे. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का प्रभार दिया गया है.
ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया है एफआईआर
दरअसल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन संचालक का पद एक महत्वपूर्ण पद माना जाता है, ऐसे में कई गंभीर अनियमितताओं का आरोप झेल रहे अशोक चतुर्वेदी को प्रभार दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. पाठ्य पुस्तक निगम में महाप्रबंधक रहते हुए अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार किए जाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर रखी है. राज्य सरकार ने नवंबर 2019 में चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास को लौटा दी थी.
सरकार के साथ विभाग की छवि हो रही खराब
धरसींवा विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में डूबे डाॅ. अशोक चतुर्वेदी जैसे अधिकारी को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पद पर पदस्थ किया जाना प्रदेश की जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है. इससे न केवल प्रदेश सरकार की बल्कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की भी छवि खराब हो रही है, जिसका सीधा असर कांग्रेस की लोकप्रियता पर पड़ रहा है. इससे कांग्रेस का जमीनी कार्यकर्ताओं में वेदना उत्पन्न हुई है.
इसे भी पढ़ें : कोरोना कहर : 24 घंटे में मिले 81 हजार से ज्यादा मरीज, इस राज्य की स्थिति गंभीर
बीजेपी के साथ मिलकर चली चाल
विधायक ने चतुर्वेदी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अपने आप को बचाने के लिए बीजेपी के उच्च पदासीन लोगों एवं अधिकारियों से अपने संपर्कों का लाभ उठाते हुए उन्होंने पाठ्य पुस्तक निगम में साल 2015 से 2019 के बीच कागज खरीदी, स्वेच्छानुदान, विविध मुद्रण से जुड़े मामलों में अपने ही विभाग के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग कर दी. उन्होंने चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र किया है कि अशोक चतुर्वेदी ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर रखी है. पाठ्य पुस्तक निगम में हुए भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन अध्यक्ष और बीजेपी नेता देवजीभाई पटेल इँटरवीनर बन गए हैं.
Read More : Nepal to Receive 100,000 Doses of Covid Vaccine From India