हेमंत शर्मा, इंदौर। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले एक तरफ जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर सियासी बाण चला रहे हैं। दोनों दलों के नेताओं के बीच छींटाकशी का दौर जारी है। वहीं एक ऐसा नजारा देखने को मिला है जिसनें मध्य प्रदेश की सियासत का रुख कहीं और ही मोड़ दिया है। बीजेपी से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला एक दूसरे से गले मिलते हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं संजय शुक्ला ने जैसे ही कैलाश विजयवर्गीय को देखा उनके पैर छू लिए।

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दरअसल वक्त था जैन समाज के क्षमावाणी कार्यक्रम का जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे हुए थे। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला भी इसी कार्यक्रम में शरीक हुए थे। दोनों नेता संत वाणी सुन रहे थे और प्रवचन का आनंद ले रहे थे। तभी विधायक संजय शुक्ला ने जैसे ही विजयवर्गीय को देखा, उनके पास गए और उनके पैर छूकर उनका सम्मान किया। बीजेपी नेता ने भी उन्हें गले से लगा लिया। इसके बाद हंसी और मुस्कराहट के साथ दोनों नेताओं ने फोटो खिंचवाई और साथ बैठकर प्रवचन सुने।

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प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही कैलाश विजयवर्गीय लगातार शुक्ला परिवार से अपने मधुर संबंध बता रहे थे। विजयवर्गीय ने यहां तक कहा था कि मैं अपनी मर्यादा शुक्ला परिवार के प्रति जानता हूं। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मुलाकात से यह तो नजर आता है कि दोनों ही पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग हो लेकिन मित्रता की विचारधारा एक ही नजर आ रही है।

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कैलाश विजयवर्गीय पर गुंडे छोड़ने का लगाया था आरोप

बता दें कि कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाए थे। शुक्ला ने कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय ने मेरे पीछे अपने गुंडे छोड़ रखे हैं, लेकिन मैं डरूंगा नही। मुंहतोड़ जवाब दूंगा। शुक्ला ने कहा कि कैलाश के गुंडे मतदाताओं को धमकी दे रहे हैं। धर्म का काम करने से कैलाश विजयवर्गीय मुझे रोक रहे हैं। इतना ही नहीं हमारे नेताओं के फोन भी टैप करवाए जा रहे हैं। यही नहीं संजय शुक्ला ने यह भी कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें हलवा नेता समझ रखा है। जिस पर पलटवार करते हुए विजयवर्गीय ने कहा था कि ऐसे बचकाने बयानों का वे जवाब नहीं देते।

कैलाश विजयवर्गीय को जब से आला कमान ने इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से प्रत्याशी बनाया है तब से शहर में उनका सियासी दौरा जारी है। वहीं दोनों दलों के बीच जमकर जुबानी प्रहार हो रहे हैं। फिलहाल इस बीच दोनों के गले मिलने से प्रदेश की गर्मायी हुई राजनीति थोड़ी शीतल हो गई है। अब देखना यह होगा कि चुनाव आते-आते ये सियासत कैसे रंग बदलती है।

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