सदफ हामिद, भोपाल। हमीदिया कमला नेहरू अस्पताल में हुए हादसे को लेकर सूबे की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस का 5 सदस्यीय दल घटना के कारणों की जांच जुटाने कमला नेहरू अस्पताल पहुंचा। जांच दल में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, विजयलक्ष्मी साधो, आरिफ मसूद और कुणाल चौधरी शामिल हैं। मामले में कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार कई गंभीर आऱोप लगाया है। कांग्रेस ने नवजात शिशुओं की मौत को सरकार की विफलता बताई। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने हादसे में 14 बच्चों की मौत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कमला नेहरू अस्पताल में हुए हादसे में 14 बच्चों की मौत हुई है, यह अधिकारियों ने स्वीकोरोक्ति की है।
आरिफ मसूद ने कहा कि उस रात को सबसे पहले पहुंचा था, उस वार्ड में धुंआ भरा हुआ था, मैंने सुझाव दिया था, लेकिन मंत्री के प्रभाव के चलते अधिकारियों को यह निर्देश मानने से मना कर दिया गया था। उस वार्ड में भर्ती बच्चों को निजी अस्पतालों में एडमिट करने के लिए मैंने सुझाव दिया था।
विधायक विजयालक्ष्मी साधो ने कहा कि दीपावली के बाद कुछ दीपक बुझ गए, अधिकारियों की नाक के नीचे इस तरह की घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। भोपाल संभाग का यह सबसे बड़ा अस्पताल है, इस तरह की घटना होना चिंतनीय और सोचने पर मजबूर करती है। जो घटना घटी है उसमें पूरा दोष प्रशासन, मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री का है।
शिवराज सरकार में जो मेडिकल कॉलेज खुले हैं उसका पूरा प्रबंधन दिल्ली से होता है। जबकि मेडिकल कॉलेज चलाने का पूरा जिम्मा राज्य सरकार का होता है। केंद्र सरकार से मेडिकल कॉलेज में होने वाली सभी सुविधाओं के ठेके की सारी प्रक्रिया होती है। 16 दिन तक में कोरोना के चलते हमीदिया अस्पताल में भर्ती रही थी। वहां रहकर मैंने पूरी अस्पताल की व्यवस्थाएं देखी थी। मेडिकल कॉलेज की सभी व्यवस्था राजस्व कमिश्नर के हाथ में दे रखी हैं।
वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह सरकार जानलेवा है। सरकार 18 महीने से लोगों की जान ले रही है। पहले कोरोना से जान ली। पहले 3 बार हमीदिया अस्पताल में आग लग चुकी है और यह चौथी बार था फिर भी सरकार नहीं जागी।