सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के आत्मघाती हमलवार डॉ उमर मोहम्मद नबी का बचाव करते नजर आए. मसूद ने हमलवार को रास्ते से भटके हुए लोग बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अल्प संख्यक शिक्षण संस्थानों, खासकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी को निशाना बना रही है.
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच मामले पर कहा कि सभी के ख़िलाफ़ जांच हो रही है और जांच होनी भी चाहिए. मैं किसी भी सूरत में जांच का विरोध नहीं करता, लेकिन जांच के नाम पर किसी का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए. यूनिवर्सिटी में बहुत सारे बच्चे पढ़ रहे हैं. अगर वहां कुछ गलत हुआ है. जो आतंकवादी वहां थे, उनके लिए कोई माफी नहीं. उनके लिए एक ही सज़ा है और वह गोली है. इसके अलावा मेरी कोई सज़ा मेरी समझ में नहीं आती.
इमरान मसूद ने कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई के बयान पर कहा कि आतंकवाद की घटना को कोई भी जस्टिफाई नहीं कर सकता. बेगुनाह लोगों के क़त्ल को किसी भी सूरत में जस्टिफाई नहीं किया जा सकता. उसने जो काम किया है, वह जघन्य अपराध है. दोनों तरह से इस्लाम में खुदकुशी हराम है; खुदकुशी कर रहे हो और अपने साथ बेगुनाह लोगों को मार रहे हो, और फिर इसे शहादत बताने की बातें कर रहे हो. यह शहादत नहीं है.
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