सुधीर दंडोतिया, भोपाल। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने में ज्यादा समय नहीं रह गया है। काउंटिंग से पहले दोनों दलों के नेता युद्ध स्तर में तैयारी कर रहे हैं। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर लोकसभा संसदीय क्षेत्र उज्जैन (मध्यप्रदेश) में मतगणना दिवस 4 जून को विशेष केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त करने की मांग की है।

जीतू पटवारी ने अपने पत्र में लिखा है कि लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में पूरे देश सहित प्रदेश में ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव का मतदान चार चरणों में सम्पन्न हुआ है। और चुनाव के परिणाम की मतगणना दिनांक 4 जून, 2024 को होना नियत है। 

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उज्जैन संसदीय क्षेत्र से महेश परमार (विधायक) कांग्रेस प्रत्याशी हैं। चूंकि उज्जैन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का गृह नगर होने के कारण उनके लिए एनकेन प्रकारेण भाजपा के पक्ष में परिणाम लाने के प्रयास किये जाना संभावित है। क्योंकि यह उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न है। जीतू पटवारी ने कहा कि लोकसभा संसदीय क्षेत्र उज्जैन में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दबाव में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खुलकर कार्य किया है। कार्यकर्ताओं का समर्थन किया है। और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को परेशान, हतोत्साहित किया गया है। 

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 4 जून 2024 को मतगणना कार्य में शासकीय अधिकारी,कर्मचारी जो उपस्थित रहेंगे। उनमें से अधिकतर भाजपा से जुड़े नेताओं के समर्थक होने के कारण और मुख्यमंत्री का दबाव एवं प्रभाव होने के कारण मतगणना निष्पक्ष रूप से होना संभावित नहीं है। और मतगणना के दौरान इवीएम मशीनों एवं डाक मतपत्रों की गिनती में निश्चित रूप से शासकीय कर्मचारी किसी न किसी तरह से भाजपा प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष मतगणना होना संभव प्रतीत नहीं होता है।

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जीतू पटवारी ने कहा कि लोकसभा संसदीय क्षेत्र उज्जैन में जो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का गृह नगर होने एवं उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न होने की दशा में प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर मतगणना में हेरफेर कराने की पूरी संभावना निर्मित होना प्रतीत होता है। इसलिए 4 जून 2024 को होने वाली मतगणना के दिन लोकसभा संसदीय क्षेत्र उज्जैन में विशेष केन्द्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाए। जिससे लोकसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा निष्पक्ष रूप से घोषित हो सके जो न्यायोचित होगा।

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