रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कांग्रेस-गोंगपा गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा ने भी यह रेखांकित कर दिया है कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर अप्रासंगिक हो चली है, जिससे गठबंधन करने से पहले छोट-छोटे दल या तो पहले कांग्रेस का रुख जानने की कोशिश कर रहे हैं या फिर गठबंधन से हिचकिचा रहे हैं.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कौशिक ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उस सवाल पर कटाक्ष किया, जिसमें गोंगपा ने कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने कहा है. गठबंधन से पहले चर्चा के दौर में गोंगपा का यह रवैया साफ तौर पर कांग्रेस की राजनीतिक विचारधारा के अप्रासंगिक हो जाने का संकेत करता ही है, साथ ही कांग्रेस को आईना दिखाता है. इसके बाद भी कांग्रेस नेतृत्व अपने भ्रमजाल से बाहर नहीं निकल पा रहा है.
जिस पार्टी का केन्द्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व सरकार बनाने का ख्वाब देख रहा है, उसे छोटे स्थानीय दलों को जवाब देना पड़े, यह कांग्रेस की शोचनीय दशा का चरम है. कभी देश-प्रदेशों में अपना डंका पीटने वाली कांग्रेस आज अपने वजूद को बचाने की स्थिति में आकर छोटे-छोटे दलों को कैफियत देकर गठबंधन की विवशता झेल रही है. अब तो कांग्रेस नेतृत्व को अपनी राजनीतिक दुर्गति से उबरने की कोशिश करके सकारात्मक दृष्टिकोण की राजनीति करनी चाहिए. हालांकि कांग्रेस से ऐसे सकारात्मक दृष्टिकोण की अपेक्षा रखना बेमानी ही है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस अपने ही राजनीतिक कर्मों का फल भोग रही है. बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई, जो गाहे-बगाहे कांग्रेस की ही बोली बोलने के लिए जानी जाती रही हैं, आज कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही हैं. जाहिर है कि भाजपा के खिलाफ एक तरह की दुर्भावनापूर्ण राजनीति करने वाले दल एक छत में आकर टिक नहीं सकते क्योंकि सत्तालोलुपता की बुनियाद पर खड़ी बेमेल गठबंधन की इमारत तो कभी भी भरभराकर गिर ही जाएगी.
कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व को नसीहत देते हुए कौशिक ने कहा कि कांग्रेस अब सत्ता पाने के लिए घिनौने खेल बंद करे और अपने नेताओं को साधने पर ध्यान दे, अन्यथा आपराधिक साजिशों के आरोपों से दागदार प्रदेश नेतृत्व की करतूतें अभी तो जवाब देने के हालात पैदा कर रही हैं, आगे चलकर कांग्रेस को इतिहास में ही धकेल देंगी.