शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा उज्जैन के विधायक मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है। बीजेपी के केंद्रीय संगठन के निर्णय को सहज ही स्वीकार कर शिवराज सिंह चौहान ने बड़े दिल (बड़प्पन) का परिचय दिया है। उनके इस कदम की तारीफ धुर विरोधी पार्टी कांग्रेस ने भी की है। कांग्रेस मीडिया विभाग के केके मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।

उन्होंने लिखा- भाजपा विधायक दल का नेता कौन बने, इससे कांग्रेस का कोई सीधा सरोकार नहीं था, हमें तो 5 साल विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है,वह भूमिका निभाएंगे। निवृत्तमान CM @ChouhanShivraj जी से हमारी कोई व्यक्तिगत शत्रुता भी नहीं है, राजनैतिक मत भिन्नता रही, जो दोनों तरफ से ईमानदारी पूर्वक निभाई भी गई, किंतु आज मैं उनकी दिली तारीफ करूंगा कि उन्होंने अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया, घुटने नहीं टेके, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने अपना पद बचाने के लिए खुद भी विजयी होने के बाद दिल्ली तक नहीं गए। जिंदगी के किसी भी मोड़ पर पुरुषार्थ बेचकर कभी भी अपने मूल्यों, सिद्धांतों से समझौता करना सदैव अपराध ही माना जाता है। Thanku शिवराजसिंह जी, आपका यह कदम काबिल-ए -तारीफ है। कतिपय लोगों ने अपने राजनैतिक/ आर्थिक स्वार्थों की खातिर इन पंक्तियों का दुरुपयोग किया कि “उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नज़र आना जरूरी है” और अपनी रीढ़ की हड्डी भी बेच दी…! आपने ऐसा नहीं किया… पुन: आग्रह पूर्वक आभार….

@OfficeOfKNath

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