कुमार इंदर, जबलपुर। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में सर्कुलर के 6i(c) में दिए गए आदेश को कांग्रेस ने छात्र विरोधी बताया है। कांग्रेस ने आज सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस प्रदेश महामंत्री सौरभ नाटी शर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार का ये फैसला स्टूडेंट्स विरोधी है। जिसमें दसवीं तक के छात्रों को कोचिंग पर पाबंदी लगाई गई है।

कांग्रेस नेता सौरभ नाटी शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से गरीब, मध्यम वर्ग के खासकर वह बच्चे जो पढ़ाई में कमजोर है उनको नुकसान होगा। ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए केंद्र सरकार का यह फैसला बिल्कुल अनैतिक है। सौरभ शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षा नीति में इस कंडिका को वापस लेना पड़ेगा अन्यथा वह आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।

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उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे बच्चे

कांग्रेस नेता ने कहा कि एक तरफ सरकार अपने दिशा निर्देशों में यह जाहिर कर रही है कि वह इस नीति के तहत देश के भविष्य को व्यावहारिक, व्यावसायिक और मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान करना चाहती है। लेकिन दूसरी तरफ सरकार के फैसले से न केवल शिक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ेगी बल्कि इस देश के करोड़ों बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। रिक्शा, ठेला छोटा-मोटा व्यापार करने वाले निजी नौकरी करने वाले माता पिता रात दिन इस बात के लिए परिश्रम करते हैं कि वे जिस शिक्षा से वंचित रह गए उनके बच्चे ना रहे।

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फैसले पर विचार करने की मांग

कांग्रेस नेता का कहना है कि यदि दसवीं कक्षा के पहले बच्चों को कोचिंग की व्यवस्था नहीं होती है तो उनकी प्राथमिक शिक्षा ही कमजोर हो जाएगी। ऐसे अभिभावक जो खुद अशिक्षित है उनके बूते की बात भी नहीं है कि वह दसवीं तक के बच्चों को अपने घर पर पड़ा सके। लिहाजा केंद्र सरकार को अपने इस फैसले पर एक बार विचार करना चाहिए।

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