कुंदन कुमार, पटना। जदयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी पर कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह दावा किया है कि, बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी जी की सिर्फ पीएचडी की डिग्री ही संदिग्ध नहीं है बल्कि डिलीट की उपाधि (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) भी संदिग्ध है।

कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, मंत्री अशोक चौधरी ने मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ शशि प्रताप शाही से अपने संबंधों का लाभ उठाते हुए फर्जीवाड़ा किया है। ऐसी आशंकाएं हैं। उन्होंने कहा कि, डॉ एसपी शाही को एन कॉलेज के प्रिंसिपल से मगध यूनिवर्सिटी का वीसी बनवाने में अशोक चौधरी की कैसी भूमिका रही है, सिर्फ इसकी जांच हो जाए तो यूनिवर्सिटीज में चल रहे भ्रष्टाचार के असंख्य खेलों पर से पर्दा हट जाएगा। लेकिन मुश्किल यह है कि निष्पक्ष जांच होगी कैसे! क्या इस दौर में हम राजभवन पर भरोसा कर सकते हैं, या हर छोटी-बड़ी बात के लिए हमें अदालतों का ही दरवाजा खटखटाना पड़ेगा?

असित नाथ तिवारी ने कहा कि, अशोक चौधरी का प्रकरण सिर्फ गड़बड़ी ही नहीं बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है। इसलिए, इस मामले में निश्चित रूप से शाही के वीसी बनने में कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई, किन-किन लोगों को दरकिनार किया गया आदि मसलों की भी जांच होनी चाहिए। यूनिवर्सिटी में कैसे डिग्रियों का धंधा हो रहा है? वीसी की नियुक्ति में कैसे रसूखदारों का प्रभाव चलता है? इन सब पर से भी पर्दा हटाना जरूरी है। इसलिए कांग्रेस पार्टी इस प्रकरण में यह मांग करती है कि डॉक्टर एसपी शाही की वीसी पद पर हुई नियुक्ति मामले में मंत्री अशोक चौधरी जी की भूमिका की भी जांच हो।

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