प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल को लेकर सवाल उठाए हैं. राय ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश में उनका भी कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद राष्ट्रपति कार्यालय मौन है और जिसके कारण स्पष्ट नहीं हैं. उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच और राष्ट्रपति भवन से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.

राय ने कहा है कि यूपी में राज्यपाल के कार्यकाल के पांच वर्ष पूरे होने के बावजूद 29 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति कार्यालय या गृह मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्ट पत्र जारी नहीं किया गया. राय ने कहा कि राज्यपाल बगैर आदेश के कार्य कर रही हैं.

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डॉ. राय ने कहा कि आनंदीबेन पटेल का कार्यकाल, चाहे गुजरात की मुख्यमंत्री (2014-2016) के रूप में हो या उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के रूप में, विवादों से घिरा रहा है. गुजरात में उनके कार्यकाल के दौरान पाटीदार आंदोलन और उनकी बेटी अनार पटेल से जुड़े गीर में जमीन आवंटन के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई 2024 को उनके पांच साल पूरे हो गए. इसके बाद भी राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके कार्यकाल विस्तार या नए राज्यपाल की नियुक्ति पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया, जो प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है.

राय ने आनंदीबेन पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के सभी आरोपों की CBI या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रपति कार्यालय को स्पष्ट करना चाहिए कि आनंदीबेन का कार्यकाल विस्तार क्यों हुआ, या नए राज्यपाल की नियुक्ति में देरी का कारण क्या है. उत्तर प्रदेश की जनता को अपने शीर्ष संवैधानिक पद की जवाबदेही का हक है.’