शब्बीर अहमद, भोपाल। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने आबकारी विभाग के सोम डिस्टरलरीज पर कार्रवाई के आदेश के बाद सवाल उठाए है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मासूम बचपने को कत्ल करने की सज़ा सिर्फ 20 दिन। उन्होंने आगे लिखा कि प्रदेश में 59 लाड़ले-लाड़लियों से सोम डिस्टरलरीज में बालश्रम करवा रहे थे, लेकिन खानापूर्ति के लिए सोम डिस्टरलरीज़ के लाइसेंस को सिर्फ 20 दिन के लिए निलंबित किया। यह कैसा न्याय है?

BIG BREAKING: सोम डिस्टलरी पर मोहन सरकार का शिकंजा, शराब बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस निलंबित

अरुण यादव ने आगे लिखा कि साथ ही सरकार ने अब तक 583 करोड़ रुपये की वसूली को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है और न ही सांठगांठ करने वाली बड़ी मछलियों (नेताओं-अधिकारियों) पर कोई कठोर कार्यवाही की है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि लाइसेंस को स्थाई रूप से निरस्त किया जाए। साथ ही तत्काल 583 करोड़ रुपये की वसूली करे और शराब कंपनी से सांठगांठ करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करे। 

शराब फैक्ट्री में छापेमारी: 50 से ज्यादा बाल मजदूर मिले, 15-15 घंटे काम कराने और केमिकल्स से गलने लगी थी हाथों की चमड़ी

दरअसल, 15 जून को रायसेन जिले के सेहतगंज में शराब बनाने वाली कंपनी सोम डिस्टलरी से 59 बच्चे काम करते मिले थे। गैर सरकारी संस्था ‘बचपन बचाओ’ की शिकायत पर बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बच्चों का रेस्क्यू किया था। बताया गया था कि बाल मजूदरों को स्कूल बस के माध्यम से फैक्ट्री में लाया जाता था और कम पैसे देकर 15-15 घंटे तक काम कराया जाता था। इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से गलने लगे थे।

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