आशुतोष तिवारी, जगदलपुर– बस्तर से बड़ी खबर निकल कर आ रही है. कांग्रेस नेता व बस्तर परिवहन संघ के प्रत्याशी मलकीत सिंह गैदू समेत दो लोगों को कलेक्टर ने शहर बदर कर दिया है. यह कार्रवाई कलेक्टर ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया है. हालांकि इसका प्रभाव चुनाव में नहीं पड़ेगा.

दरअसल, नगरनार इलाके में परिवहन कारोबार में कब्जे को लेकर दो प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी विवाद और बाद में हुई गोलीबारी का मामला कोर्ट में है. लेकिन इस गोलीकांड के प्रमुख आरोपियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सभी आरोपियों को प्रकरण में फैसला नहीं आने तक बस्तर से बाहर रहने के निर्देश जारी किए हैं. इन प्रमुख आरोपियों में एक गुट से कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मलकीत सिंह गैदु, देवेश भदोरिया, उपेंद्र सिंह चौहान शामिल हैं.

इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से इन आरोपियों को बेल दी गई थी. लेकिन दूसरे गुट ने इस जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला प्रस्तुत किया और यह आरोप लगाया कि पुराने आपराधिक रिकॉर्ड और प्रकरण के दौरान गवाहों को प्रभावित करने के मद्देनजर इन लोगों की बेल निरस्त की जानी चाहिए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट से आये इस आदेश के बाद जिला प्रशासन ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए इन आरोपियों को जगदलपुर शहर से बाहर रहने के निर्देश दिए हैं.

आपको बता दें कि दो साल पूर्व खुटपदर में भाजपा के दो गुटों के बीच वर्चस्व को लेकर हुए विवाद, फिर गोलीकांड में कांग्रेस के महासचिव पर रासुका के तहत मामला दर्ज किया था. जिसके बाद लंबे समय से फरारी काटने के बाद मलकीत सिंह गैदू, देवेश भदौरिया व उपेंद्र सिंह चौहान ने हाई कोर्ट से बेल लें लिया था. लेकिन एक बार फिर याचिकाकर्ता शैलेन्द्र भदौरिया ने पिटीशन दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. और सुप्रीम कोर्ट ने इन तीन आरोपियों के खिलाफ शहर बदर के आदेश जारी किए हैं.

कलेक्टर अयाज तम्बोली व निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अध्यक्ष पद पर खड़े हुए मलकीत सिंह गैदू को बस्तर परिवहन संघ चुनाव में किसी तरह का बाधा उत्पन्न नहीं होगा. चुकी बस्तर परिवहन संघ एक प्राइवेट संस्था है. इस कारण उनके चुनाव में कोई बाधा नहीं आएगी.