रायपुर– दिल्ली से लौटकर विमानतल में दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल की सरकार के तीन महीने और भाजपा की रमन सिंह सरकार के तीन कार्यकाल का फर्क छत्तीसगढ़ की जनता समझ रही है. कांग्रेस सरकार के तीन महीने और भाजपा सरकार के तीन कार्यकाल पर एक क्रिएटिव जारी करते हुए त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह सरकार के तीन कार्यकाल आंखफोड़वा कांड, ई-टेंडर घोटाला, नसबंदी कांड, बेरोजगारी, पनामा पेपर, स्काई वाॅक, मोबाइल घोटाला, सबसे अधिक गरीब, राशन कार्ड घोटाला, जीरम नरसंहार और बिलासपुर कांग्रेस भवन में लाठी चार्ज के लिए जाने जाते हैं, जबकि भूपेश बघेल की सरकार को 2500 रूपये धान का दाम, किसानों की कर्ज माफी, लोहांडीगुड़ा में किसानों की जमीन लौटाने, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी, छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री और नागरिक सेवाओं की सुगम उपलब्धता के लिए जाना जाता है.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब 15 वर्ष पहले रमन सिंह मुख्यमंत्री बने थे उस समय 600 करोड़ रुपए कांग्रेस की सरकार सरप्लस छोड़ कर गई थी. 24000 करोड़ का कर्ज रमन सिंह सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों पर लादने का काम किया. कांग्रेस की सरकार ने भी कर्ज लिया है लेकिन यह कर्ज जनता की भलाई के लिए लिया गया है. कांग्रेस की सरकार ने किसानों को कर्ज मुक्त बनाने के लिए कर्ज लिया है, किसानों को उनकी फसल का सही दाम देने के लिए कर्ज लिया है, गरीबों के लिए, किसानों के लिए, मजदूरों के लिए, प्रदेश के लोगों की भलाई के लिए कर्ज लिया है.

रमन सिंह सरकार ने बहुत सारी चुनावी घोषणाएं की, शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की लेकिन उसके लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किया, उसके लिए 430 करोड़ रुपए की धन राशि की व्यवस्था कांग्रेस सरकार को करना पड़ा है. जनसंपर्क में बजट प्रावधान से डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की राशि रमन सिंह सरकार ने खर्च कर दी. रमन सिंह सरकार की फिजूलखर्ची, भ्रष्टाचार, सीडी बनाने के लिए दिया गया पैसा कांग्रेस के खिलाफ प्रचार में खर्च किया गया, सरकारी पैसा कांग्रेस सरकार को पटाना पड़ रहा है.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 100 दिन भी अभी कांग्रेस सरकार बने नहीं हुए हैं और रमन सिंह जी घोषणा पत्र की बातें कर रहे हैं. रमन सिंह पहले 2003, 2008 और 2013 के घोषणा पत्रों का हिसाब तो छत्तीसगढ़ की जनता को दें. कांग्रेस की सरकार को जनता ने 5 वर्ष के लिए जनादेश दिया है. जो बातें कांग्रेस ने निश्चित समय सीमा में करने की बात कही थी, चाहे कर्जमाफी हो या धान का मूल्य हो उसको हमने समय में करके दिखाया है, शेष घोषणा पत्र की बातों को पूरा करने के लिए 5 वर्ष का समय कांग्रेस की सरकार को जनता ने दिया है. जो सवाल आज रमन सिंह जी उठा रहे हैं 60 दिन पूरे होने पर, 70 दिन पूरे होने पर, यह सवाल भी 5 साल बाद करें तो बेहतर होगा और सबसे पहले रमन सिंह जी अपने कार्यकाल की ओर झांक कर देखें बोनस का क्या हुआ था, एक-एक दाना धान की खरीद का क्या हुआ था, 5 हॉर्स पावर पंपों की मुफ्त बिजली का क्या हुआ था तो बेहतर होगा.

रमन सिंह का दर्द सब बखूबी समझते हैं उनके बेटे अभिषेक सिंह की भी तो टिकट कटी है. जिस तरीके से वंशवाद के चलते रमन सिंह ने मधुसूदन यादव को हटाकर उसकी जगह अपने बेटे अभिषेक सिंह को सांसद बनाया था उसको अभी राजनांदगांव के भाजपा के कार्यकर्ता भी नहीं भूले हैं. रमन सिंह की सरकार ने अनियमितताएं की, घोटाले किये, कमीशन खोरी की और जब विधानसभा चुनाव हार गए तो कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराने लगे. भारतीय जनता पार्टी के पास नेतृत्व का अभाव है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की विश्वसनीयता छत्तीसगढ़ की जनता के सामने समाप्त हो चुकी है.