वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया. कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली इस सरकार के जरिए पेश किए गए बजट में सिर्फ निराशा और हताशा है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने बजट को युवाओं के लिए झुनझुना बताते हुए कहा कि इसमें नए रोजगार के लिए कोई रास्ता नहीं दिया गया है.

रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मोदी 3.0 के बजट में निराशा व हताशा. 0+0 = 0. किसान के लिए कुछ नहीं. न MSP की गारंटी, न कर्ज से राहत, न डीजल-कीटनाशक दवाई-खाद की कीमत कम, बस बातें ही बातें. युवा के लिए झुनझुना – नए रोजगार का कोई रास्ता नहीं, सालाना सिर्फ 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, असंगठित क्षेत्र को चवन्नी तक नहीं. लेबर इंटेंसिव यानी रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों कपड़ा-कंस्ट्रक्शन आदि के लिए कुछ नहीं है.”

मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा को राहत नहीं: सुरजेवाला

कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट में से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग जैसे शब्द गायब हैं. उन्होंने कहा, “SC-ST-BC शब्द का बजट स्पीच में नामों निशान तक नहीं. साफ है लोकसभा में BJP के खिलाफ वोट न देने की सजा भी है. BJP का SC-ST-BC विरोधी चेहरा भी.”

उन्होंने कहा, “मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा को 10 साल से कोई राहत नहीं, न टैक्स एक्सेम्पशन स्लैब बढ़ी, न ही कोई राहत. देश के गरीब की जिंदगी सुधारने के लिए ‘0’-बस 5 किलो राशन लो और गरीबी में गुजारा करो.”

कांग्रेस के न्याय पत्र से ली वित्त मंत्री ने सीख: जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था. उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्रामेटिक गारंटी थी, जबकि सरकार की योजना में मनमाने ढंग से लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) रख दिया गया है.”