रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के लिए प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का रमन सिंह द्वारा विरोध किये जाने को कांग्रेस ने रमन का छत्तीसगढ़ी विरोधी चरित्र बताया है. प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति से इतनी नफरत क्यो करते हैं ? इसी छत्तीसगढ़ के वे पन्द्रह साल मुख्यमंत्री रहे है. छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए उन्होंने कभी कोई सार्थक और ठोस पहल नहीं किया. रमन चाहते तो तो अपने शासन के पन्द्रह साल में केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव बना सकते थें लेकिन कुछ नहीं किया. यह रमन और भाजपा की छत्तीसगढ़ की भाषा और संस्कृति के प्रति दुराव को जताता है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आज जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ी भाषा को देश की अधिकृत भाषाओं के बीच प्रतिष्ठा दिलवाने प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे तो इसमें भी रमन सिंह को पीड़ा हो रही वे इस पत्र का विरोध कर रहे जबकि चाहिए तो यह था कि जिस छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें तीन बार का मुख्यमंत्री बनाया उस छत्तीसगढ़ी भाषा को उसका सम्मान दिलाने वे भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पत्र के समर्थन में प्रधानमंत्री को पत्र लिखते ।यहाँ रमन सिंह की दलीय दुर्भावना छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति के ऊपर हावी हो गई.

कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता है सम्भवतः उन्होंने अपने ही केंद्र सरकार की शिक्षा नीति का अध्ययन नहीं किया है. नई शिक्षा नीति में स्थानीय मातृ भाषा मे अध्ययन पर जोर दिया गया है ।जब छत्तीसगढ़ी भाषा देश की मान्यता प्राप्त संविधान की आठवीं अनुसूची के भाषाओं में शामिल ही नहीं रहेगी तब ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ी माध्यम में पढ़ाई का प्रश्न ही नहीं उठता.

कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की भाषा संस्कृति तीज त्योहार को बढ़ावा दिया जा रहा उनका संरक्षण किया जा रहा है. रमनराज के पन्द्रह सालों में छत्तीसगढ़ की भाषा संस्कृति तीज त्योहार सब को हासिये में डाल दिया गया था. रमन सिंह को इसी बात की पीड़ा है कि जो वे दबाते रहे कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल उसी छत्तीसगढ़ी पहचान को प्रश्रय क्यो दे रहे.