गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों के दौरान किया गया एकमात्र विकास ‘लुंगी और धोती’ का मुफ्त वितरण था. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी को अपना चुनाव चिह्न ‘हाथ’ से बदलकर ‘लुंगी’ कर लेना चाहिए.
पंचायत चुनाव के दौरान धेमाजी में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सरमा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यभार संभालने के बाद से चार वर्षों में राज्य में शांति और प्रगति बहाल हुई है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के शासन में विकास लुंगी, धोती, ‘सुता’ (धागा) और ‘अथुवा’ (मच्छरदानी) के वितरण तक सीमित था. वे केवल यही भाषा समझते थे.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब माहौल बदल गया है और लोगों को ‘ओरुनुदोई’ जैसी योजनाओं के तहत सीधे उनके बैंक खातों में लाभ मिल रहा है, जो महिलाओं को सशक्त बनाती हैं. इसके साथ ही सरमा ने बिना विस्तार से बताए कहा, “कांग्रेस को अपना चुनाव चिह्न हाथ से बदलकर लुंगी कर लेना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से पिछले चार वर्षों में राज्य में शांति और प्रगति बहाल हुई है. सरमा ने जोर दिया कि प्रदेश में निवेश आ रहा है, युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां मिल रही हैं और कल्याणकारी योजनाएं लोगों तक पहुंच रही हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार इस महीने से बिजली दरों में एक रुपये की कटौती करने के बाद नवंबर में बिजली दरों में और कटौती करने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि एलपीजी सिलेंडर की खरीद पर 200-300 रुपये की सब्सिडी पर भी विचार किया जा रहा है.
सरमा ने कहा, “मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना हूं और अभी भी सीखने की प्रक्रिया में हूं. यह (कार्यकाल) सिर्फ प्रस्तावना है, पूरी तस्वीर हमारी अगली सरकार में सामने आएगी. मैं असम को देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक बनाने का वादा करता हूं.” इसके बाद में डिगबोई में एक अन्य पंचायत चुनाव बैठक में भाग लेते हुए सरमा ने लोगों से आगामी चुनावों में भाजपा-अगप गठबंधन को वोट देने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “पंचायतों में भी हमारे गठबंधन के सत्ता में आने से असम को आगे ले जाने के लिए न केवल डबल इंजन बल्कि ट्रिपल इंजन वाली सरकार मिलेगी.” सरमा ने कहा कि लगभग सभी प्रमुख उग्रवादी समूहों के बातचीत के लिए आगे आने, कोई आंदोलन नहीं होने और औद्योगिक घरानों के निवेश के लिए आगे आने से राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है.
राज्य में दो चरणों में 2 मई और 7 मई को 34 जिलों में से 27 में पंचायत चुनाव होंगे. राज्य के सात जिलों में चुनाव नहीं होंगे जो संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं और जहां स्वायत्त परिषद चुनाव हैं. मतों की गिनती 11 मई को होगी.