रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता आर पी सिंह ने आज एक बयान जारी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह पर “के“ डिपॉजिट के नाम पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सत्ता जाने की निराशा और अपनी ही पार्टी में मार्गदर्शक मंडल में भेज दिए जाने की हताशा में डॉ रमन सिंह ना ही अपने पद की गरिमा का लिहाज रख पा रहे हैं और ना ही अपनी वरिष्ठता का! जो कि बेहद दुखद और चिंताजनक है.

15 वर्षों तक सत्ता में रहे एक पूर्व मुख्यमंत्री को भाजपा आईटी सेल के कार्यकर्ता जैसा व्यवहार शोभा नहीं देता और ना ही एक ट्रोल की तरह सोशल मीडिया में सनसनी फैलाना ही उचित प्रतीत होता है. सरकार के “के“ डिपॉजिट में उस वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाई राशि जमा करवाई जाती है, जिसका उपयोग संबंधित विभाग और निगम मंडल वित्त विभाग की अनुमति से कर सकते हैं. यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका पालन सभी राज्यों में होता है.

डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए भी विभिन्न निगम मंडलों की राशि छत्तीसगढ़ शासन के “के“ डिपॉजिट में जमा कराई गई थी. सबूत के तौर पर कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने 2013 के सात अलग-अलग पत्र प्रस्तुत किए हैं, जिससे यह साबित होता है कि रमन सिंह के कार्यकाल में भी इसी प्रक्रिया का पालन होता था.

कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने डॉ रमन सिंह पर यह आरोप लगाया है कि वे स्वयं 15 वर्षों तक भाजपा के लिए वसूली भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का एटीएम बन कर काम करते रहे. यही वजह है कि उन्हें रह-रहकर पुरानी यादें सताती हैं.

प्रदेश की जनता ने यह अच्छे से देखा है कि किस तरीके से डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ को एटीएम बना कर विदेशी बैंक के पनामा खाते में खजाना भरते रहे. जहां तक भूपेश सरकार के कर्ज लेने की बात है तो पूरे हिंदुस्तान में डॉ रमन सिंह कोई एक राज्य बता दें जहां पर राज्य सरकार कर्ज ना लेती हो?

साथ ही साथ यह भी बताने की कृपा करें कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता संभाली थी, तब देश पर कितना कर्ज था और आज देश पर कितना कर्ज है? कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया है कि मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि डॉ रमन सिंह और पूरी भाजपा इन प्रश्नों का जवाब कभी नहीं देगी.

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