रायपुर- बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को लेकर कांग्रेस ने सलाह दी है कि-बीजेपी बैठक के जरिए अपने चुनावी वादों की समीक्षा करें. कांग्रेस के मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि- दावा है कि बीजेपी कार्यसमिति में ईमानदारी से अपने चुनाव घोषणा पत्र के वादों की समीक्षा कर लेगी, तो आने वाले चुनाव में जनता के सामने वोट मांगने का साहस नहीं जुटा पाएगी.
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि बीजेपी 14 साल से प्रदेश में सरकार चला रही है. बीजेपी ने तीन बार घोषणा पत्र के रूप में संकल्प पत्र जारी किया है. इन संकल्प पत्रों में बीजेपी ने कई बड़े वादे किए हैं. हर आदिवासी परिवार को दुधारू जर्सी गाय, हर आदिवासी परिवार को सरकारी नौकरी, हर बेरोजगार को पांच सौ रूपए बेरोजगारी भत्ता देने जैसे वादे पूरा होने के इंतजाम में दम तोड़ चुके हैं. एक-एक दाना धान की खरीदी का वादा 15 क्विंटल में सीमित हो गया. पांच साल का बोनस का वादा चुनावी साल तक सिमट गया. पांच हार्स पावर तक कृषि पंपों को मुफ्त बिजली देने का वादा किसानों की बिजली के दामों में 150 फीसदी बढ़ोतरी में तब्दील हो गया. युवाओं को रोजगार के नए अवसर के वादे आउटसोर्सिंग में बदल गए. महिला सुरक्षा के वादों के बीच प्रदेश में 17000 से अधिक महिलाएं लापता हो गई. राज्य में हर दूसरे दिन बलात्कार और हर तीसरे दिन सामूहिक बलात्कार की शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं. सुशासन का आलम यह है कि सरकार का लोक सेवा गारंटी अधिनियम सरकारी दफ्तरों की दीवारों पर आम आदमी को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है.
शुक्ला ने कहा कि रायगढ़ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान एक वर्ष तक कमीशन बंद करने के आह्वान पर कितना अमल शुरू हुआ. बीजेपी को इसकी भी समीक्षा करनी चाहिए. मीडिया सचिव ने कहा कि भाजपाइयों का कमीशन खोरी बदस्तूर जारी है या फिर लालच में बीजेपी नेताओं ने कमीशन खोरी बंद कर दिया है.