रायपुर- विवादों में आई भाजपा के सामान्य ज्ञान वाली किताब को लेकर विवाद और बढ़ने के आसार है. क्योंकि कांग्रेस ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया आज वहीं केन्द्र की सत्ता में  है, तो गलत इतिहास पढ़ाएंगे ही. दरअसल यूपी बीजेपी की पं. दीनदयाल उपाध्याय समिति की ओर से एक सामान्य ज्ञान की किताब निकाली है, जिसमें भारत के प्रथम रहे नेताओं का जिक्र है, लेकिन इसमें महात्मा गांधी से लेकर पं.जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का जिक्र नहीं है. यही नहीं नेहरू और इंदिरा को प्रधानमंत्री भी नहीं दर्शाया गया है.

 

इसे लेकर छत्तीसगढ़ दौरे पर आए कांग्रेस महासचिव पीएल पुनिया ने कहा कि यूपी में बीजेपी का शासन, केन्द्र में बीजेपी का शासन. लिहाजा संघ के निर्देशों पर ये उल्टा इतिहास ही पढ़ाएंगे. ये वो लोग जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया ही नहीं, जिन्हे इतिहास के बारे में सही जानकारी नहीं, जिनका सामान्य ज्ञान ही सही नहीं वो कैसे सही इतिहास पढ़ाएंगे. आपको बता दे कि यूपी के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष पर एक सामान्य ज्ञान किताब यूपी बीजेपी की ओर से बांटी गई है. जिसमें भारत के प्रथम शीर्षक में उप प्रधानमंत्री सरदाल पटेल का नाम है, लेकिन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम नहीं और ना ही प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम है. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता भी नहीं लिखा गया है.

 

इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष आयोजन समिति के अध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि- आजादी की लड़ाई कांग्रेस के वर्तमान नेताओं ने नहीं लड़ी थी, जो आज भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. आजादी के दीवानों को कांग्रेस ने भुला दिया है. चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव समेत ऐसे कई क्रांतिकारी रहे हैं, जिनके योगदान को कांग्रेस ने भुला दिया. महात्मा गांधी और सरकार पटेल को भी कांग्रेस ने सम्मान नहीं दिया. मोदी सरकार आने के बाद आज उन्हें सम्मान दिया जा रहा है. महात्मा गांधी के नाम पर स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है. सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा बनवाई जा रही है. उपासने ने कहा कि महात्मा गांधी ये बात बखूबी जानते थे कि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार का पर्याय बन जाएगी. यही वजह थी कि वह चाहते थे कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाए. कांग्रेस को तो ऐसे नेताओं को याद करने का भी नैतिक अधिकार नहीं है.