कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। एक-एक कर पार्टी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के MP सचिव और प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आशंका है कि जल्द ही वे BJP में शामिल हो सकते हैं। सिद्धार्थ सिंह राजावत के साथ और कई बड़े चेहरे भी बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं।
कांग्रेस की हाल ही में जारी प्रवक्ताओं की सूची से नाम हटाने और पार्टी में गुटबाजी से परेशान होकर उन्होंने ये इस्तीफा दिया गया है। सिद्धार्थ सिंह राजावत ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने हाल ही में नई कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया है।
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सिद्धार्थ सिंह राजावत ने इस्तीफे का पत्र जारी कर उसमें इस्तीफे की वजह बताई है। पत्र में लिखा है कि “कांग्रेस पार्टी को कांग्रेसी डीएनए के कार्यकर्ताओं की अब जरूरत नहीं रही, जिसके चलते इस्तीफा देता हूं”।कांग्रेस ही कांग्रेस की दुश्मन हो गई है तो फिर बाहर के दुश्मनों से कैसे लड़ा जाए? दुश्मनों से लड़ा जा सकता है पर घर के अंदर कैसे लड़ाई की जाए? राहुल गांधी से मेरा आग्रह है कि पार्टी के भीतर ही कार्यकर्ता राजनीति का शिकार हो रहे हैं। कांग्रेस की अस्मिता को बचाना है तो फिर इस बदहाली पर जल्द संज्ञान ले।
सिद्धार्थ सिंह राजावत ने अपने इस्तीफा पत्र में यह भी लिखा है कि वह 1984 से कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे थे। NSUI से राजनीतिक सफर चालू किया और कई आंदोलन में भाग लिया। ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा करके प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को ज्ञापन दिया। नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में त्रिपुरा में काम किया। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान ग्वालियर मीडिया कोऑर्डिनेटर के प्रभारी पद की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन अब लगता है कांग्रेस पार्टी को कांग्रेस डीएनए के कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है इसलिए अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
सिद्धार्थ सिंह राजावत ने इस्तीफा देते हुए अपना दर्द भी जाहिर किया और उसमें यह भी लिखा कि कांग्रेस पार्टी में रहते हुए वफादारी निभाई। सिंधिया राजघराने से ग्वालियर में रहकर डायरेक्ट लड़ाई लड़ी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लक्ष्मीबाई समाधि पर पहुंचने के बाद उसे शुद्ध करवाया। प्रियंका गांधी के ग्वालियर आगमन पर गद्दार सिंधिया के पोस्टर लगाकर सबक सिखाने की कोशिश की जिसके चलते मेरी निजी पैतृक संपत्ति को तोड़ने के आदेश दिए गए।
पिता की जमीन को सरकारी घोषित कर दिया गया। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कई यातनाओं को सहा, फिर भी विचलित नहीं हुआ और सीना तानकर पार्टी के साथ खड़ा रहकर लड़ता रहा। लेकिन अब कांग्रेस ही कांग्रेस की दुश्मन हो गई है। बताया जा रहा है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में सिद्धार्थ सिंह राजावत कांग्रेस से जुड़े कई खुलासे करने जा रहे हैं जिससे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है।
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