Manmohan Singh funeral controversy: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. पूर्व पीएम मनमाेहन सिंह के समाधि स्थल के विवाद के बाद कांग्रेस (Congress) ने अंतिम संस्कार के दौरान अव्यवस्थाओं को लेकर निशाना साधा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार के खिलाफ तीखे शब्दों में अपनी बात रखी. खेड़ा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार जिस तरह से किया गया, वह काफी चौंकाने वाला है. इसके अलावा पीएम मोदी पर गार्ड ऑफ ऑर्नर के दौरान बैठे रहने का आरोप लगाया है.
शनिवार को डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर किया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार किसी ऐसे स्थान पर नहीं हुआ, जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सके. पवन खेड़ा ने कहा कि समाचार एजेंसियों को कार्यक्रम स्थल पर अनुमति नहीं दी गई, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस मुद्दे पर अपने एक्स पर एक लंबी पोस्ट में कई तरह के आरोप लगाए हैं.
पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है, “राष्ट्रीय ध्वज को उनकी (मनमोहन सिंह) विधवा को सौंपे जाने या गार्ड ऑफ़ ऑनर के दौरान प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने खड़े होने की ज़हमत नहीं उठाई. अंतिम संस्कार की रस्में निभाने वाले पोतों को चिता तक पहुंचने के लिए जगह के लिए संघर्ष करना पड़ा.”
पवन खेड़ा ने लिखा है, “इस महान राजनेता के साथ किए गए इस अपमानजनक व्यवहार से सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता उजागर होती है. डॉ. सिंह गरिमा के पात्र थे, न कि इस शर्मनाक दृश्य के.”
पवन खेड़ा ने कहा, जब डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया और जब डॉ. सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. तब प्रधानमंत्री मोदी और बाकी मंत्रियों ने खड़े होना भी ठीक नहीं समझा. वे सभी बैठे रहे.
पवन खेड़ा ने कहा कि चिता के चारों ओर सैनिकों की उपस्थिति के कारण परिवार के सदस्यों के लिए पर्याप्त स्थान नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार के वाहनों को गेट के बाहर खड़ा किया गया, जिससे उन्हें वापस अंदर लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. डॉ. सिंह के पोते-पोतियों को चिता तक पहुंचने के लिए रास्ता ढूंढ़ना पड़ा.
उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम स्थल तंग और अव्यवस्थित था, जिससे कई लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा. राजनयिकों को ऐसे स्थान पर बैठाया गया, जहां से वे नजर भी नहीं आ रहे थे. विदेशी राजनयिकों को कहीं और बैठाया गया और वे नजर भी नहीं आए. हैरानी की बात यह रही कि जब भूटान के राजा खड़े हुए, तो प्रधानमंत्री खड़े नहीं हुए. उन्होंने आगे कहा कि पूरे अंतिम संस्कार स्थल को इतनी खराब तरीके से व्यवस्थित किया गया था कि डॉ. सिंह की शव यात्रा में भाग लेने वाले कई लोगों के लिए कोई जगह नहीं बची.
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