रायपुर। छत्तीसगढ़ में आउटसोर्सिंग को लेकर एक बार फिर बवाल मचने लगा है. कांग्रेस ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है. स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के जरिए रिक्त पदों में भर्ती के लिए दिल्ली की एक कंपनी को ठेका दे दिया गया है. इसे लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने कहा है कि प्रदेश की रमन सरकार अब पूरी तरह से आउटसोर्सिंग सरकार हो चुकी है.शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग के पदों पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति करने वाली सरकार द्वारा अब स्वास्थ्य विभाग में भर्ती का काम भी आउटसोर्स कर एक प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है. इसका अर्थ यह है कि सरकार को अपने ही एक अंग ‘व्यापमं’ पर भरोसा नहीं है.
इस सरकार को छत्तीसगढ़ के निवासियों पर पहले ही भरोसा नहीं था इसलिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर आउट सोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति कर रही थी और अब उसे अपने ही अंग पर भी भरोसा नहीं इसलिए भर्ती का काम भी आउटसोर्स करने जा रही है.
उन्होंने कहा कि पिछली बार स्वास्थ्य विभाग ने 750 नर्सों की नियुक्ति आउट सोर्सिंग के माध्यम से की थी, कांग्रेस ने आपत्ति की, प्रदर्शन किया तो राज्य सरकार को इस नियुक्ति को फरवरी 2016 में रद्द करना पड़ा, लेकिन तब छत्तीसगढ़ की 350 मूल निवासी नर्सों को भी उनके साथ नौकरी से निकाल दिया गया था. आखिर रमन सरकार को छत्तीसगढ़ के निवासियों से क्या दुश्मनी है जो वे उन्हें नौकरी पर नहीं रखना चाहते अथवा निकाल देते हैं. कांग्रेस आउट सोर्सिंग के खिलाफ है और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती का काम आउट सोर्सिंग कर किसी निजी एजेंसी को दिए जाने का विरोध करती है. अगर इसे रद्द नहीं किया गया तो कांग्रेस सड़कों पर उतर कर छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को उनका हक दिलाने लड़ाई लड़ेगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी रमन सरकार की होगी.