रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार वादे पूरे करने वाली सरकार है. कोरोना संक्रमण के कारण तमाम वित्तीय परेशानियों के बावजूद शिक्षाकर्मियों का संविलियन का आदेश जारी करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. यह बात कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षाकर्मियों के संविलियन का आदेश जारी किए जाने का स्वागत करते हुए कही.

शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि वर्ष 2003 में भाजपा की सरकार शिक्षाकर्मियों के संविलियन का वादा करके बनी थी, लेकिन भाजपा ने 2003 से लेकर 2018 तक शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए एक रुपए की राशि का भी प्रावधान नहीं किया. शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा तो की गई लेकिन बिना किसी वित्तीय प्रावधान के 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए राशि की व्यवस्था भी की गई और शिक्षाकर्मियों का संविलियन भी किया जा रहा है. सबसे महत्वपूर्ण बात विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में भी कांग्रेस सरकार का अपने वादे पूरे करने के प्रति प्रतिबद्धता है.

उन्होंने कहा है कि जिस तरह से भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों की कर्ज माफी किसानों को ₹2500 समर्थन मूल्य और शिक्षाकर्मियों के संविलियन, तेंदूपत्ता का दाम 2500 ₹ से बढ़कर 4000₹ करना, बस्तर के किसानों की जमीन वापसी जैसे महत्वपूर्ण वादों को तमाम वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद पूरा किया है. उससे इस बात का पूरा भरोसा राज्य की जनता को है कि नौकरियों में भर्ती की जो प्रक्रिया शुरू की गई थी, और करोना संकट के कारण आई कठिनाइयों के बावजूद उस प्रक्रिया को भी पूरा करने की दिशा में भूपेश बघेल सरकार प्रभावी कदम उठाएगी.