शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस बार का लोकसभा चुनावी रंग राम के संग दिखाई देगा। बीजेपी एमपी की 29 सीटों पर विजय श्री के लिए राम मंदिर के मुद्दों को लेकर पहुंच रही है तो कांग्रेस भी राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट के सहारे जनता से वोट मांगेगी। दरअसल, छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के दौरान राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हुआ था। उधर, मध्य प्रदेश इस प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ के मुकाबले पिछड़ा।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने बताया कि बीजेपी ने राम के सहारे सिर्फ वोटों की सियासत की है। राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बीजेपी सरकार एमपी समेत पूरे देश में भुनाने का काम कर रही है। कांग्रेस की राम भक्ति दिखावे की नहीं है। 20 सालों तक बीजेपी ने एमपी की सत्ता में काबिज रही तो तीन माह से ज्यादा डॉ मोहन सरकार को हो चुके हैं।
इसके बाद भी राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट आज भी सिर्फ फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया। कमलनाथ सरकार ने रामपथ गमन समेत सीता मंदिर जैसे प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की थी। लेकिन, 15 माह में कांग्रेसी गद्दारों ने सरकार को गिरा दिया। उधर, सीजी में भूपेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से अपने हाथों में लिया। बीजेपी के धर्म के पाखंड को कांग्रेस दोनों ही प्रदेशों में उजागर करेगी।
कांग्रेस राम भक्ति न सिखाए- बीजेपी
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि राम भक्ति के नाम पर सियासत आखिर कौन करता है यह जनता जानती है। कांग्रेस ने हमेशा राम मंदिर का विरोध किया। लोकसभा में भी कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं बचे, अब छत्तीसगढ़ के मामले को लेकर एमपी में उतरने की नौबत आ चुकी है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि कांग्रेस की दिखावे की भक्ति का जवाब जनता लोकसभा चुनावों में देने के लिए तैयार बैठी है।
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