दिल्ली. देश के ज्यादातर राज्यों से सत्ता से बाहर और चार साल से केंद्र की सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस की आर्थिक हालत पतली हो गई है. अब पार्टी घर-घर जाकर चंदा इकट्ठा करेगी और उसे चुनाव में लगाएगी.
कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जरूरी वित्तीय इंतजाम करने की खातिर अब घर-घर तक पहुंचने की योजना बनाई है. पार्टी के कार्यकर्ता आने वाले दिनों में घर-घर जाकर वोट के साथ चंदा भी मांगेंगे. कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि पार्टी को यह स्वीकार करने में गुरेज नहीं करना चाहिए कि कारपोरेट समूहों से उसे चंदा नहीं मिल रहा और वह आम जनता की मदद से चुनाव लड़ना चाहती है.
पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कांग्रेस महासचिवों, प्रभारियों, प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों और कोषाध्यक्षों के साथ बैठक की जिसमें कई अन्य मुद्दों के साथ आगामी चुनावों के लिए वित्तीय इंतजामों को लेकर भी चर्चा हुई. बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, बैठक में डोर टू डोर प्रचार अभियान, बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने और सीधे जनता से चंदा इकट्ठा करने की बात की गई, सीधे जनता से चंदा मांगना एक बेहतरीन योजना है. इससे पार्टी सीधे आम लोगों से जुड़ेगी.
पार्टी की इस बैठक में शामिल रहे एक अन्य नेता ने कहा, सबको पता है कि कारपोरेट जगत सत्तारूढ़ पार्टी के साथ है. कांग्रेस हमेशा से गरीबों और आम जनता की पार्टी रही है. अगर हम वोट के साथ चंदा मांगने के लिए भी सीधे आम लोगों तक जाएंगे तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा, इस कदम से जनता के बीच यह भी संदेश जाएगा कि हम चुनावी चंदे को लेकर ईमानदार हैं और जीतने के बाद हम आम लोगों के लिए ही काम करेंगे.