विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में गलघोंटू (Diphtheria) से हो रही बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस अब योगी सरकार पर हमलावर हो गई है. इसके लिए अलग-अलग जिलों से डेटा तैयार किया जा रहा है. जबकि इस मुद्दे को कांग्रेस पार्टी विधानसभा से लेकर लोकसभा तक उठाने पर भी रणनीति बना रही है.

आजमगढ़ से लेकर उन्नाव सहित सभी जिलों से डेटा जुटाने के लिए सांसद राकेश राठौर और संगठन महासचिव अनिल यादव आजमगढ़ और उन्नाव में जाकर डेटा जुटाने के लिए जाएंगे. महासचिव अनिल यादव का आरोप है कि आजमगढ़ और उन्नाव सहित जिलों में पीड़ितों को एम्बुलेंस तक नहीं मिल रहे है. अनिल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि मरने वाले बच्चे नट समाज के हैं, जिस कारण सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. बता दें कि गलघोंटू यानी डिप्थीरिया (Diphtheria) से आजमगढ़ में 10 बच्चों और उन्नाव में 3 बच्चों की मृत्यु हो गई है.

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डिप्थीरिया या गलघोंटू के लक्षण

सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश के मुताबिक, आमतौर पर बैक्टीरिया के आपके शरीर में प्रवेश करने के एक से सात दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें बुखार और ठंड लगना, गले में खराश, स्वर बैठना, निगलने में दर्द, लार टपकना, त्वचा का रंग नीला पड़ना, नाक से खूनी, पानी जैसा रिसाव, सांस लेने में समस्या, तेज सांस लेना, ऊंची आवाज में सांस लेना शामिल है. त्वचा पर घाव भी हो सकते हैं.

डिप्थीरिया या गलघोंटू से बचाव

सीएमओ के मुताबिक, मरीज को देखने के बाद डॉक्टर को पता चल जाता है कि वह इस बीमारी से पीड़ित है या नहीं. डिप्थीरिया एंटीटॉक्सिन को मांसपेशियों में या अंतःशिरा लाइन के माध्यम से इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है. फिर संक्रमण का इलाज पेनिसिलिन और एरिथ्रोमाइसिन जैसे एंटीबायोटिक्स से किया जाता है. एंटीटॉक्सिन लेते समय आपको अस्पताल में रहना पड़ सकता है.