रायपुर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं. कांग्रेस के नेता तो भौचक है ही भाजपा के नेता भी इस परिणाम को समझने में नाकाम नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में पहले ही फजीहत करा चुके चुनावी पंडित की रही-सही इज्जत भी इस चुनाव में चली गई. खैर, ईवीएम का परिणाम जो भी रहा हो, पोस्टल बैलेट में मिले जमकर वोट से कांग्रेस जरूर सांत्वना हासिल कर सकती है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट के बताए अनुसार, पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को एकतरफा वोट मिले हैं. हरियाणा के 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 74 और बीजेपी को 16 सीटों पर जीत मिली है. वहीं एक सीट भिवाड़ी में कांग्रेस की सहयोगी दल सीपीएम को बीजेपी से पोस्टल बैलेट में अधिक वोट मिले.

क्या है पोस्टल बैलेट?

पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र 1980 के दशक तक चलने वाले पेपर्स बैलेट पेपर की तरह ही होते हैं. चुनावों में इसका इस्तेमाल उन लोगों के द्वारा किया जाता है, जो नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते हैं. इसके लिए पोस्टल बैलेट की मदद से वोट डालते हैं, इन्हें सर्विस वोटर्स या अबसेंट वोटर्स भी कहा जाता है. मतदाता इसमें अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देकर इस पोस्टल बैलेट को डाक या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वापस चुनाव आयोग भेज देता है.

कौन कर सकता है इस्तेमाल?

खाली पोस्टल बैलेट को सेना और सुरक्षा बलों को इलेक्ट्रिक तौर पर भेजा जाता है. वहीं जिन इलाकों में इलेक्ट्रिक तरीके से पोस्टल बैलट नहीं भेजा जा सकता है, वहां पर डाक के माध्यम से पोस्टल बैलट भेजा जाता है. इसके अलावा राज्य के ऐसे मूल निवासी, जो केंद्रीय विभागों में दूसरे राज्य में काम कर रहे हैं, वो भी पोस्टल बैलेट की मदद से वोट डाल सकते हैं. इनके अलावा 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.