रायपुर- नक्सल मसले पर राज्य की सियासत पूरे उफान पर आ गई है. पिछले दिनों बीजेपी के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में दिए अपने भाषण में राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने भूपेश सरकार पर नक्सलियों के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाया था. इस आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमेन शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है घुटने टेकने का काम रमन सिंह ने किया था, तभी दक्षिण बस्तर के तीन ब्लाॅकों तक सीमित माओवादी बीजेपी के 15 सालों के कार्यकाल में 14 जिलों तक फैल गए. शैलेष यहां तक ही नहीं रूके, उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम से लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी और मंत्री रह चुकी लता उसेंडी का नाम लेकर माओवादियों से उनका कनेक्शन जोड़ा है.
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस माओवाद के खिलाफ लड़ाई और इस समस्या के समाधान के लिये प्रतिबद्ध है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसका स्पष्ट उल्लेख किया है. केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों में माओवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई. मोदी सरकार ने माओवाद के खिलाफ लड़ाई के लिये राज्यों को संसाधन और सुरक्षा बलों की उपलब्धता में कटौतियां कर दी. कांग्रेस की यूपीए सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा और आंतरिक आतंकवाद से लड़ने के लिये राष्ट्रीय आतंक विरोधी दस्ते का एनसीटीसी का निर्माण किया था, मोदी सरकार के आने के बाद इसको बंद कर दिया गया. रमन राज में माओवाद का फलना फुलना बीजेपी से माओवादियों की सांठगाठ को दर्शाता है. नक्सलियों से संबंध और सांठ-गांठ तो बीजेपी और उसके नेताओं के रहे है. बीजेपी के बड़े नेता रामविचार नेताम ने माओवादियों को 4 लाख चंदा दिया था. रामविचार नेताम माओवादियो को चंदा देते थे और बकायदा रसीद पकड़ाई थी. 2004 की विधानसभा की कार्यवाही में यह बात पर चर्चा भी हुई थी. कांग्रेस की जांच की मांग को दबा दिया गया.
त्रिवेदी ने कहा कि शुभांशु चौधरी की किताब ‘‘उसका नाम वासु नहीं है’’ के पृष्ठ क्रमांक 101 में माओवादी नेता रमन्ना के हवाले से लिखा है कि लता उसेन्डी के पिता नारायणपुर में माओवादी साहित्य का प्रकाशन करते थे. माओवादी नेता रमन्ना ने बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेन्डी के घर आने-जाने रहने और उनके हेडमास्टर पिता के साथ भोजन करते रहने की बात लिखी है. कभी किसी भी बीजेपी नेता ने इस पर आपत्ति दर्ज नहीं की है जिस कांग्रेस के नेताओं की माओवादी घटनाओं में शहादत हुई है.
राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय से शैलेष नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि क्या झीरम की घटना रमन सिंह के माओवादियों से लड़ने का सबूत है? सरोज पांडेय बतायें कि 4 ब्लाक का नक्सलवाद कैसे 14 जिलों तक पहुंच गया? यूपीए सरकार द्वारा गठित एनसीटीसी देश की आंतरिक सुरक्षा और आंतरिक आतंकवाद से लड़ने के लिये राष्ट्रीय आंतक विरोधी दस्ते का एनसीटीसी का निर्माण किया था, मोदी सरकार के आने के बाद इसको बंद कर दिया गया. रमन सिंह द्वारा राजनैतिक विद्वेष के कारण हटाई गयी सुरक्षा के कारण कांग्रेस के नेताओं की पूरी एक पीढ़ी की हत्या नक्सलियों के द्वारा झीरम घाटी में कर दी गयी, जिनका नाखून भी नही कटा वह सिर कटाने वालों पर आरोप लगायें इससे ज्यादा गैर जिम्मेदाराना और कुछ भी नहीं हो सकती.
मैं चुनौती देता हूं हूं हिम्मत है, तो साबित करें- रामविचार नेताम
शैलेष नितिन त्रिवेदी के आरोपों पर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने चुनौती देते हुए कहा है कि उनके आरोप में सच्चाई है, तो वह साबित करके दिखाएं. नेताम ने कहा कि शासन-प्रशासन कांग्रेस के हाथ है. जिस स्तर की जांच करानी है, करा लें. दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि माओवादियों को रसीद से चंदा देने की बात की जा रही है, किसी के नाम पर चंदा बिना रसीद के भी तो दिया जा सकता है. कोई भी फर्जी रसीद बनाकर किसी का नाम लिख दे, तो क्या इसे सच मान लिया जाए? ऐसे आरोप लगाए जाने के पहले तस्दीक किया जाना चाहिए. जिसे चंदा देना होगा, तो क्या रसीद के साथ देगा. कांग्रेस का यह आरोप बेबुनियाद है.