अमृतांशी जोशी, भोपाल। आगामी 2023 चुनाव को लेकर कांग्रेस भी कमर कसते नजर आ रही है। इसी कड़ी में पार्टी ने टिकट वितरण के लिए फॉर्मूला तैयार किया है। इस फॉर्मूले के तहत पार्टी सीट जीतने की भरोसे पर ही टिकट देगी। वहीं संभावित उम्मीदवार/प्रत्याशी का कट्टर कांग्रेस होना भी एक मापदंड़ बनाया गया है। यानी आया राम गया राम लोगों को कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए इंजतार करना पड़ेगा।

जानकारी के अनुसार पीसीसी में मुख्य कंट्रोल रूम होगा।जिले के दफ्तर से भी मॉनिटरिंग होगी। प्रदेशभर के 52 जिलों के 313 विकासखंड का कंट्रोल रूम होगा। पीसीसी चीफ समेत टीम निगरानी करेगी। विधायकों को जमीनी स्तर पर मजबूत होना होगा। महिला उम्मीदवारों के चयन में भी पार्टी किस्मत आजमाएगी। पार्षद प्रत्याशियों का चयन जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक जिले के लिए एक वरिष्ठ नेता को प्रभारी मनोनीत किया जाएगा। नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद में 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी को दिए जाएंगे।

बंजारा समाज को साधने की कांग्रेस की बड़ी तैयारी है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस संबंध में बड़ा ऐलान किया है। कहा बंजारा समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देगी कांग्रेस। बंजारा समाज बनेगा कांग्रेस के लिए बड़ा वोट बैंक। पार्टी के वचनपत्र में मिल सकती है बंजारा समाज को खास जगह।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने एकबार फिर सरकार के आंकड़े पेश किए।कमलनाथ का आरोप मध्य प्रदेश में 21077 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के भरोसे हैं। अध्यापकों के सबसे अधिक पद प्रदेश में खाली है।

उन्होंने ने ट्वीट में लिखा– मध्यप्रदेश में 21,077 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रहे और अध्यापकों के सबसे अधिक पद प्रदेश में खाली हैं। आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार किस तरह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। पद खाली होने के बावजूद योग्य बेरोजगारों को नौकरी नहीं दे रही है।

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