नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में बारिश और बाढ़ के बाद कई तरह की समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. कई तरह के संक्रामक रोग भी लोगों को हो रहा है. दिल्ली एम्स में पिछले पांच दिनों से हर दिन 100 से ज्यादा मरीज कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू के पहुंच रहे हैं. इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने  राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र, एम्स के प्रमुख डॉक्टर जे एस टिटियाल से बात की. उन्होंने लोगों से इस बीमारी से सतर्क रहने के लिए कहा है.

एम्स के आरपी सेंटर फॉर ऑप्थैल्मिक साइंसेज के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल के अनुसार, रोजाना 100 मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. टिटियाल ने कहा, ‘हमारे पास रोजाना कंजंक्टिवाइटिस के कम से कम 100 मामले आ रहे हैं। आमतौर पर कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में मौसमी वृद्धि होती है, जो फ्लू के मौसम से मेल खाता है। कंजंक्टिवाइटिस के मामले ज्यादातर वायरस के कारण होते हैं।’

कंजंक्टिवाइटिस के मामले हर साल मानसून के मौसम के दौरान सामने आते हैं। सेंटर फॉर साइट के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्ष कुमार ने कहा, ‘मानसून के दौरान आंखें लाल हो जाती हैं, खुजली, लालपन, पानी आना और कभी-कभी डिस्चार्ज होता है।’ दिल्ली के एक निजी आई केयर अस्पताल ने दिल्ली-एनसीआर में कंजंक्टिवाइटिस के 1032 मामले और पूरे भारत में 1521 मामले दर्ज किए हैं।

शार्प साइट आई हॉस्पिटल्स के निदेशक और सह-संस्थापक डॉ. समीर सूद ने कहा, ‘ये आंकड़े पिछले साल (जुलाई 2022) की समान अवधि की तुलना में उल्लेखनीय तौर पर बढ़े हैं, जिसमें दिल्ली एनसीआर में 646 मामले और देश भर में 1202 मामले सामने आए थे। संख्या में वृद्धि इस बात पर जोर देती है कि आंखों की बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी ढंग से जागरूकता बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।’

“आई फ्लू तेजी से स्प्रेड करता है”

जे एस टिटियाल ने कहा कि कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू तेजी से स्प्रेड करता है. ये एक वायरल इन्फेक्शन है.कभी कभी बैक्टिरियल इन्फेक्शन भी इस पर सुपर ऐडेड हो सकता है. इसकी वजह से आंख से काफी डिस्चार्ज, पलकों में सूजन तक आती है. ये बीमारी सेल्फ लिमिटिंग है. अपने आप दो हफ्ते में ठीक हो जाती है. कॉर्निया जब इन्वॉल्व होता है तब इसका इलाज लंबा चलता है. दिल्ली ही नहीं पूरे नॉर्थ इंडिया में इसका प्रभाव देखने को मिलता है.

“बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई न लें”

उन्होंने कहा कि इसे एपिडेमिक भी कह सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हर तीसरे आदमी को इसका इन्फेक्शन हो रहा है. यह समस्या बारिश के सीजन खत्म होने पर खत्म हो जाएगा. डॉक्टर जे एस टिटियाल ने लोगों को आगाह किया कि खुद से दवाई शुरू न करें. नजर कम हो रही है तो जांच कराएं. उन्होंने कहा कि लाली कम करने के लिए स्टीरॉयड यूज कर लेते हैं तो आगे जाकर दिक्कत आती है. सावधानी बहुत जरूरी जिससे बीमारी न फैले. आंखों पर चश्मा, अपने टॉवेल, रुमाल अलग रखें, बेडशीट अलग रखें.

राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के प्रमुख ने कहा कि लोगों से हाथ मिलाने से बचें. यह बच्चों में अधिक हो रहा है. स्विमिंग बिलकुल न करें, यहां से इन्फेक्शन फैल सकता है. हफ्ते से दो हफ्ते में ठीक हो जाता है.  इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन सी ले सकते हैं.