आपके विरूद्ध होते षड्यंत्र से बचें मंगल से ले मदद –
षड्यंत्र का सामान्य अर्थ साजिश, धोखा देने की योजना, गुप्तरूप से हानि पहुंचाने की कोशिश। किंतु षड्यंत्र शब्द बना है – षट़् और यंत्र = षड्यंत्र अर्थात् छह यंत्र या छह शास्त्रीय विधियाँ हैं जिनके द्वारा कोई आपको हानि पहुचाने का प्रयास कर सकता है। इसमें जिन छह विधियों के बारे में बताया जाता है वो हैं – 1. जारण 2. मारण 3. उच्चाटन 4. मोहन 5. स्तंभन 6. विध्वंसन ।
1. जारण – ‘जारण’ का अर्थ जलाना या भस्म करना है । इसमें अनिष्टकारी शक्तियों को भस्म करने का आशय है।
2. मारण – ‘मारण’ यन्त्र का आशय एकदम स्पष्ट है। शत्रु का अस्तित्व समाप्त करने, उसे मार डालने के लिए जो जादू-टोना होता है वह ‘मारण’ कहलाता है ।
3. उच्चाटन – ‘उच्चाटन’ का अर्थ है स्थायी भाव मिटाना। वर्तमान परिस्थिति को भंग कर देना। उखाड़ना, हटाना आदि। यह भी तंत्र-मंत्र के द्वारा किया जाता है।
4. मोहन – जब ‘जारण’, ‘मारण’, ‘उच्चाटन’ जैसे यन्त्रों से काम नहीं बनता तो ‘मोहिनी विद्या’ काम आती है। ‘मोहन’ का अर्थ है मुग्ध होना। इसके मूल में ‘मुह्’ धातु है जिसका अर्थ है सुध बुध खोना, किसी के प्रभाव में खुद को भुला देना। श्रीकृष्ण की छवि में ‘मोहिनी’ थी इसलिए गोपिकाएँ अपनी सुध-बुध खो बैठती थीं इसलिए उन्हें ‘मोहन’ नाम मिला।
5. स्तम्भन – पाँचवी विधि है ‘स्तम्भन’ जिसका अर्थ है जड़ या निश्चेष्ट करना। यह ‘स्तम्भ’ से बना है। जिस तरह से काठ का खम्भा कठोर, जड़ होता है उसी तरह किसी सक्रिय चीज को स्तम्भन के द्वारा निष्क्रिय बनाया जाता था।
6. विध्वंसन – षड्यन्त्र की छठी और आखिरी प्रणाली है ‘विध्वंसन’ अर्थात पूरी तरह से नाश करना।
इस प्रकार किसी व्यक्ति के प्रभाव को समाप्त करना, बलहीन करना अथवा प्रगति को बाधित करना। ऐसे तो आपकी हानि का प्रयास कोई कर सकता है किंतु आपको हानि पहुच पायेगा या नहीं ये आपकी कुंडली से देखा जा सकता है। अगर आपकी कुंडली में षड्यंत्र दोष बन रहा हो तो ही आपको किसी के द्वारा किए गए ऐसे किसी उपाय के द्वारा हानि हो सकती है और यह हानि भी तभी होगी अगर आपके ग्रह गोचर में भी ऐसी दशाए चल रहीं हों, इस दोष के कारण जातक को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए कुंडली में ये दोष होने पर इसे अनदेखा ना करें और इस दोष से बचने के लिए जरूरी उपायों को करें। यदि आपकी कुंडली में षड्यंत्र योग है तो आप अपने जीवन में षड्यंत्र का शिकार होते रहेंगे। इस दोष को शांत करने के लिए कुछ अचूक उपाय। इन उपायों को करने से षड्यंत्र योग से रक्षा होती है और इस योग का बुरा प्रभाव आप पर नहीं पड़ता है।
ज्योतिष में क्या होता है षड्यंत्र योग – यदि लग्नेश 8वें घर में बैठा हो और उसके साथ कोई शुभ ग्रह न हो तो षड्यंत्र योग का निर्माण होता है। अर्थात लग्नेश अष्टम भाव में विराजमान हो जाए और उस लग्नेश पर या लगन पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो या किसी शुभ ग्रह ही दृष्टि नहीं हो। लग्नेश और अष्टमेश दोनों की पाप प्रभाव में आ जाए तो बहुत बड़े षड्यंत्र का शिकार होता है।
इस योग का प्रभाव –
– जिन लोगों की कुंडली में ये योग होता है उन लोगों को निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये दोष होने पर धन और संपत्ति की हानि होती है और जातक से धोखे से उसकी धन-संपत्ति छीन ली जाती है।
– इस दोष के कारण कई बार जीवन साथी से भी धोखा मिलता है और घर टूट जाता है।
– ये दोष होने पर व्यापार में धोखा मिलने का खतरा अधिक होता है।
जिस भी जातक की कुंडली में यह योग होता है तो वह वह अपने किसी करीबी के षड्यंत्र का शिकार होता है। जैसे धोखे से धन या किसी भी प्रकार की संपत्ति का छीना जाना, मुसीबत पैदा करना या किसी अन्य तरह के षड्यंत्र का शिकार हो जाना। व्यक्ति को साझेदारी के व्यापार में धोखा, जीवसाथी से धोखा, मित्र से धोखा या अपने किसी करीबी से धोखा मिल सकता है। इसके चलते मान-सम्मान को नुकसान पहुंचता है, आर्थिक और सेहत का भी नुकसान उठाना पड़ता है।
इस दोष को दूर करने के उपाय –
– इस दोष के कारण होने वाली हानि से रक्षा के लिए रोज हनुमान चालीसा या सुंदरकांड़ का पाठ करें। ये पाठ करने से हनुमान जी की कृपा बन जाती है और षड्यंत्र योग कुंडली से दूर हो जाता है।
– शिव जी की पूजा करने से भी षड्यंत्र योग को दूर किया जा सकता है। ये योग कुंडली में शुरू होने पर सोमवार के दिन शिव जी की पूजा करें और शिव जी को उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित करें। शिव जी को ये चीजें अर्पित करने से शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं और षड्यंत्र योग के प्रभाव से आप बच जाते हैं। शिव जी की पूजा करने के अलावा मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए और शिव तांड़व का पाठ करना चाहिए।
– रोज तुलसी के सामने घी का दीपक दो बार जलाएं।
– मंगलवार और शनिवार के दिन एक कटोरी में सरसों का तेल डाल दें। इसके बाद इस तेल में अपनी परछाई को देखें और ये तेल मंदिर में रख आएं। ये उपाय करने से षड्यंत्र योग खत्म हो जाएगा।
– ये योग कुंडली में शुरू होने पर आप सावधानी के साथ कार्य करें और किसी पर भी अंध विश्वास ना करें। साथ ही सुंदरकांड़ का पाठ करें तथा अपने व्यापार के स्थान से नियमित रूप से गेहूं और गुड़ का दान करें। अथवा गेहूं गाय को खिलायें।