नई दिल्ली . दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि फरिश्ते योजना को निष्क्रिय किए जाने की साजिश की जा रही है. इसी का नतीजा है कि बीते डेढ़ साल से प्राइवेट अस्पतालों के उन बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिन्होंने दुर्घटनाग्रस्त लोगों का इलाज किया.

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 15 जनवरी, 2018 को योजना की शुरुआत की गई थी. तब से लेकर अब तक लगभग 23 हजार से अधिक लोगों की जान इस योजना के तहत बचाई जा चुकी है.

मंत्री सौरभ भारद्वाज बोले, अधिकारी करते रहे गुमराह मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जनवरी, 2023 को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संज्ञान में आया कि निजी अस्पतालों का करीब 24.5 करोड़ रुपये बकाया है. इसके बाद उन्होंने 24 जनवरी को डीजीएचएस को पत्र लिखकर जानकारी मांगी कि कब तक भुगतान होगा, लेकिन कार्यालय ने कोई जवाब नहीं दिया. इस संबंध में जांच के निर्देश दिए हैं.

सोची-समझी साजिश के तहत बंद कर रहे योजना- भारद्वाज

भारद्वाज ने कहा कि हमने कई बार मीटिंग की है तो उसमें हमें कुछ साफ-साफ नहीं बताया गया है लेकिन अब इस बात की हमें जानकारी लगी है आखिर ऐसे अधिकारियों के साथ क्या किया जाए? आखिर क्यों यह जनता के दुश्मन बने हुए हैं ? जब दिल्ली सरकार की तरफ से इस स्कीम को लॉन्च किया गया था तो फिर यह अधिकारी इसे बंद क्यों करना चाहते हैं? एक सोची-समझी साजिश के तहत इस योजना को बड़े और वरिष्ठ अधिकारी बंद करना चाहते हैं.