रायपुर। महादेव एप मामले में निलंबित आरोपी आरक्षक भीम सिंह यादव को पुलिस अधीक्षक ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है. दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने गुरुवार को जारी बर्खास्तगी आदेश में बाकायदा कार्रवाई के आरक्षक से जुड़े घटनाक्रम का उल्लेख किया है. इसे भी पढ़ें : स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की सदन में बड़ी घोषणा, ‘आत्मानंद स्कूल अब कलेक्टर नहीं, शिक्षा विभाग चलाएगा’

पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय, रायपुर ने मनी लॉंड्रेंग के मामले में थाना सुपेला में पदस्थ आरक्षक भीम सिंह यादव को गिरफ्तार किया था. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा ऑनलाइन अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट, महादेव ऑनलाइन बुक विरूद्ध के तहत जांच की जा रही है. जांच के दौरान महादेव ऑनलाइन बुक के सट्टेबाजी संचालन में आरक्षक भीमसिंह यादव की संलिप्तता का खुलासा हुआ है.

एसपी ने कहा कि जेल में परिरूद्ध आरक्षक का कृत्य अत्यंत गंभीर प्रकृति का है, इसके साथ ही उन्होंने आरक्षक के इस कृत्य की जांच युक्तियुक्त रूप से व्यवहार्य नहीं है, क्योंकि आरक्षक (हाल निलंबित) का कृत्य मप्र छग पुलिस रेग्यू के प्रावधान के तहत पुलिस पदाधिकारी केवल पुलिस सेवा के लिए अपना पूरा समय लगाएगा. वह किसी भी व्यापार या व्यवसाय में जैसा भी हो, भाग नहीं लेगा, जब तक कि ऐसा करने के लिए स्पष्ट रूप से अनुमति प्राप्त न हो.

जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि ऐसी स्थिति में कर्मचारी का पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में बना रहना विभाग व जनहित में उचित नहीं मानते हुए गंभीर अपराधिक कृत्य प्रदर्शित करने पर कड़ी कार्रवाई की गई है, जिससे समाज में विभाग के उच्च स्तरीय मानकों की छवि बरकरार रहने के साथ ही विभागीय व्यवस्था सुदृढ बनी रहे.

बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ईडी के अफसरों ने रायपुर और भिलाई से लगभग सात करोड़ रुपए के साथ असीम दास उर्फ बप्पा और आरक्षक भीम सिंह यादव को गिरफ्तार किया था. ईडी ने बीते तीन नवंबर को भिलाई के हाउसिंग बोर्ड निवासी असीम दास उर्फ बप्पा के घर और रायपुर स्थित होटल से लगभग सात करोड़ रुपए नगद जब्त किये थे. इस दौरान 15 करोड़ से अधिक के ऑनलाइन अकाउंट सीज किए गए थे.

ईडी ने आरक्षक भीम यादव और असीम बप्पा को गिरफ्तार कर रायपुर कोर्ट में अजय सिंह राजपूत की बेंच में पेश किया. आरक्षक और असीम दास अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं. आरक्षक भीम सिंह यादव और उसके दोनों भाई आरक्षक नकुल यादव और सहदेव यादव शुरुआत से ही ऑनलाइन महादेव सट्टा एप में संलिप्त पाई गई थी.

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