रायपुर. पत्रकारिता के बाद राजनीति में कदम रखने वाले रुचिर गर्ग ने अपने इस कदम को आसान फैसला नहीं बताते हुए कहा कि आज सबसे बड़ा सवाल देश के संविधान और धर्मनिरक्षेता को लेकर खड़ा है. इस चुनौती का सामना कांग्रेस साहस के साथ कर रही है.
कांग्रेस में शनिवार को शामिल होने के बाद रविवार को रायपुर पहुंचने के बाद कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता में रुचिर गर्ग ने कहा कि दिल चाहता है कि उधर रहे, लेकिन कुछ तो मजबूरियां रही होंगी। यहां बैठकर असहज महसूस कर रहा हूँ. देश के हालात से पत्रकार विरादरी चिंतित है. भीतर जो प्रतिरोध की आवाज़ थी, उसे लगा कि वक़्त तटस्थता का नहीं है. राजनीति में शामिल होने का फैसला भावुकता में नहीं लिया गया बताते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कई लोगो से गंभीर चर्चा हुई, जिसमें देश के नामचीन पत्रकार और प्राध्यापक शामिल थे.
देश में बह रही दो धाराएं
देश मे दो धाराएं हैं. एक धारा देश को तोड़ना चाहती है, तो दूसरी इसे बचाना. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को लाभ देने नहीं आया हूं, बल्कि उसका राजनीतिक सहयात्री बनने आया हूँ.