गोविंद पटेल, कुशीनगर. जनपद में कसया तहसील क्षेत्र के सिसवा महंत में संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया. आयोजित समारोह की शुरुआत संविधान की पुस्तक, बुद्ध प्रतिमा और डॉ. अंबेडकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. लक्ष्मण यादव रहें, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान को लेकर हमें जागरूक होना होगा, महात्मा फुले, अंबेडकर की चर्चा करते हुए कहा कि देश को एक क्रांति की जरूरत है. इस क्रांति के सबसे बड़े नायक बाबा साहब हैं. जिन्होंने दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक वर्ग को अधिकार दिया आज संविधान खतरे में है.
प्रोफेसर ने आगे कहा कि इसे बचाने की जरूरत है, इसे अपनी जिम्मेदारी समझें झूठ, लूट, राजनीति के खतरे से अपने परिवार को बचाएं. अगर नहीं चेते तो हजारों सालों से सामाजिक न्याय की लड़ाई खत्म हो जाएगी और आने वाली पीढ़ियां गुलाम हो जाएंगी. शिक्षा पर ध्यान दें और हक के लिए लड़ें. मेरा विश्वास है कि आप जीतेंगे, आज के दौर में कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है. युवा, नौजवान शिक्षक पर लाठियां बरसाई जा रही है,वहीं कावड़ यात्रा वालों पर फूल बरसाए जा रहे हैं. हमें संविधान ही न्याय दिला सकता है. वहीं कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर राघवेंद्र सिंह ने कहा कि आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है. जिसमें जिले भर से बुद्धिजीवी वर्ग शामिल हुआ है तो कहीं-कहीं संविधान को लेकर सब लोग जागरूक हैं. हम आज जो अपने हक अधिकार की बात कर रहे हैं वह बाबा साहब के लिखे संविधान के बदौलत ही कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज हमें उस संविधान को बचाने की जरूरत है ताकि हमारा हक अधिकार सुरक्षित रह सके वहीं कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि एडव्होकेट निर्देश सिंह ने कहा कि हम महिलाओं को अधिकार संविधान से मिला है. संविधान की ताकत को हमें समझना होगा और आज के दौर में इसको और मजबूत बनाने की जरूरत है. जिससे हमको जो हक और अधिकार मिला है. उसे कोई छीन ना पाए. वहीं कार्यक्रम में गुजरात आरक्षण आंदोलन के संयोजक चिराग पटेल राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा चंद्रभूषण सिंह यादव डॉक्टर आर एस पटेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और संविधान के विषयों पर सभी ने चर्चा किया और उन्होंने कहा कि जो संविधान में अधिकार दलित पिछड़ों को मिला है वह बाबा साहब के बदौलत मिला है. अगर बाबा साहब नहीं होते तो आज संविधान का जो स्वरूप है वह नहीं होता और इतना हक अधिकार दलित पिछड़ों को नहीं मिला हुआ होता हमें आज जरूरत है बाबा साहब के संविधान को बचाने कि जब संविधान बचा रहेगा तभी हमारा हक अधिकार सुरक्षित रहेगा.
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